आस्था के आंगन में सुविधाओं का टोटा
कोडरमा मरकच्चो प्रखंड सहित आसपास हजारों लोगों के धार्मिक आस्था का केंद्र कर्मा धाम उपेक्षा का दंश झेल रहा है। यहां प्रत्येक दिन मरकचो बिरनी राजधनवार बगोदर बरकट्ठा जयनगर हजारीबाग कोडरमा आदि क्षेत्रों से सैकड़ों लोग पूजा पाठ करने आते हैं ।यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वर्षों पूर्व बनाया गया तालाब गर्मी आते ही सूख जाता है इसके लिए लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।प्रशासनिक एवं ग्रामीण स्तर से वर्षों से तालाब की साफ-सफाई नहीं हुई है ।
संवाद सूत्र, मरकच्चो (कोडरमा): मरकच्चो प्रखंड का करमा धाम उपेक्षाओं का दंश झेल रहा है। यहां श्रद्धालुओं के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। हर दिन यहां मरकच्चो, बिरनी, राजधनवार, बगोदर, बरकट्ठा, जयनगर, हजारीबाग, कोडरमा आदि से सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं। पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं है। सालों पहले बनाया गया तालाब भी गर्मी आते सूख जाता है। इससे लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी होती है। प्रशासनिक एवं ग्रामीण स्तर से भी सालों से इस तालाब की साफ-सफाई नहीं हुई है। जंगल-झाड़ी के फैलने से भी तालाब संकुचित हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा यहां के विकास और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। जबकि यहां की प्राकृतिक खूबसूरती देखते बनती है। जिला प्रशासन इस आस्था के आंगन को एक भव्य पर्यटन क्षेत्र के रूप में भी विकसित कर सकता है, जिससे यहां के लोगों को रोजगार भी मिल सकता है और पलायन भी रुक सकता है। पर, न प्रशासन को ध्यान है न जनप्रतिनिधियों को।
इस धाम की खास बात यह भी है कि लोग दूर-दूर से मन्नत मांगने आते हैं। पूरी होने पर उनकी आस्था और बढ़ जाती है। ऐसी यहां परंपरा है कि मन्नत पूरी होने पर सफेद बकरे और सफेद मुर्गे की बलि दी जाती है। यह धाम हिंदू व मुस्लिम दोनों के लिए खुला रहता है। सभी यहां अपनी मनोकामना के लिए आते हैं।
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