बरसी राहत की बूदें, किसानों में जगी उम्मीदें
कोडरमा लंबे इंतजार के बाद सोमवार की शाम से छोड़ छोड़कर हुई बारिश ने किसानों में तथा धान के बिछड़े में संजीवनी बूटी का काम किया है। इसके बाद रात में हुई हल्की बूंदाबांदी ने किसानों की उम्मीदों को जगा दिया है ।क्षेत्र के किसान बारिश की आस में अपने-अपने क्षेत्रों में धान के बिचड़े लगा दिए थे जो पूरी तरह से सूखने लगी थी ।बिचड़ा सूखते देख किसान काफी चितित थे व उनका चेहरा मुरझाया हुआ था।
संवाद सूत्र, मरकच्चो (कोडरमा): लंबे इंतजार के बाद हुई बारिश ने किसानों तथा धान के बिछड़े में संजीवनी बूटी का काम किया है। इसके बाद रात में हुई हल्की बूंदाबांदी ने किसानों की उम्मीदों को जगा दिया है। क्षेत्र के किसान बारिश की आस में अपने-अपने क्षेत्रों में धान के बिचड़े लगा दिए थे जो पूरी तरह से सूखने लगे थे। बिचड़ा सूखते देख किसान काफी चितित थे व उनका चेहरा मुरझाया हुआ था। सोमवार, मंगलवार व बुधवार की बबारिश ने किसानों के मुरझाए चेहरे पर हल्की मुस्कान ला दी है। मालूम हो कि आद्रा नक्षत्र इस बार किसानों को दगा दे गया, जिसके कारण क्षेत्र के किसानों के माथे पर चिता की लकीर साफ झलक रही थी । किसानों का कहना है कि खेती कार्य तो पीछे हो ही गया है बारिश होने के बाद ग्रामीण अपने-अपने क्षेत्रों का पानी बड़े-बड़े बर्तनों में एकत्रित करने में लगे थे । किसान उसी समय शाम को ही कुदाल लेकर अपने अपने खेतों की ओर चले गए और बिचड़े लगाए खेतों में पानी जमा करने में लग गए। साथ ही साथ धान रोपनी का कार्य भी प्रारम्भ हो गया है।