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    Koderma News: डोमचांच में ऐसे किया डिजिटल अरेस्ट बता ठगी का प्रयास, सहमा परिवार

    By Gajendra Bihari Sinha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 11:59 PM (IST)

    कोडरमा के डोमचांच में एक परिवार को डिजिटल अरेस्ट बताकर ठगी करने की कोशिश की गई। ठगों ने डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर परिवार को डराने का प्रयास किया, ...और पढ़ें

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    डिजिटल गिरफ्तारी का भय दिखाकर ठगी का प्रयास।

    संवाद सूत्र,डोमचांच (कोडरमा)।  मसनोडीह निवासी बसंत कुमार मेहता के साथ डिजिटल गिरफ्तारी का भय दिखाकर ठगी का प्रयास करने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने थाना में आवेदन देकर आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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    मसनोडीह थाने में दिए गए आवेदन के अनुसार, 29 नवंबर की सुबह करीब 10:30 बजे उनके पास मोबाइल नंबर 9278393380 से काल आया। काल करने वाले शख्स ने स्वयं को दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके मोबाइल फोन नंबर की जांच चल रही है।

    उसने दावा किया कि बसंत मेहता के नाम पर एक और सिम 7738941379 जारी हुआ है, जिसका उपयोग देश में हुए बम ब्लास्ट में किया गया है। करीब 11 बजे मोबाइल नंबर 8289921414 से वीडियो काल आया, जिसमें पुलिस अधिकारी की वर्दी पहने एक व्यक्ति दिखाई दिया।

    दो-तीन बार वीडियो काल के दौरान उसने बसंत मेहता और उनकी पत्नी संजू बाला का आधार नंबर ले लिया और उन्हें दोपहर 3:32 बजे तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर लगातार डराता-धमकाता रहा। पीड़ित ने बताया कि उनके बेटे न सूझबूझ दिखाते हुए काल को डिस्कनेक्ट कर दिया।

    इसके बाद कई अन्य नंबरों से लगातार फोन आते रहे, जिन्हें बाद में ब्लाक कर दिया गया। इसी बीच आरोपितों ने वाट्सएप पर कई दस्तावेज भेजे, जिनमें बसंत मेहता का नाम और आधार नंबर जोड़कर उन्हें विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल दिखाया गया था।

    इससे परिवार भयभीत हो गया है। बसंत मेहता ने आशंका व्यक्त की कि ठग उनके व उनकी पत्नी के आधार कार्ड का उपयोग किसी अवैध गतिविधि या ठगी में कर सकते हैं। उन्होंने पुलिस से मामले की त्वरित जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। पुलिस आवेदन पर जांच में जुट गई है।

    पुलिस कभी नहीं करती डिजिटल अरेस्ट

    डिजिटल अरेस्ट की धमकी देने वाला ठग सरकारी अधिकारी या पुलिस बनकर काल करते हैं और व्यक्तिगत जानकारी लेकर भय पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसी स्थिति में सबसे पहले शांत रहें और किसी भी अनजान कालर को आधार, ओटीपी, बैंक विवरण या निजी जानकारी बिल्कुल न दें।

    वीडियो काल पर किसी की वर्दी देखकर विश्वास न करें, क्योंकि यह नकली हो सकती है। काल को तुरंत डिस्कनेक्ट करें और नंबर ब्लाक कर दें। किसी मामले की जांच या गिरफ्तारी की आधिकारिक सूचना कभी फोन पर नहीं दी जाती। ऐसी घटना होने पर तुरंत नजदीकी थाना या साइबर क्राइम पोर्टल में शिकायत दर्ज कराएं।