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सबसे व्यस्त रेल रूटों में शामिल है ग्रैंड कोड सेक्शन

अरविद चौधरी झुमरीतिलैया (कोडरमा) रेल यात्रियों के लिए नई दिल्ली हावडा ग्रैंड कोड सेक्श्

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 10:32 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 10:32 PM (IST)
सबसे व्यस्त रेल रूटों में शामिल है ग्रैंड कोड सेक्शन
सबसे व्यस्त रेल रूटों में शामिल है ग्रैंड कोड सेक्शन

अरविद चौधरी, झुमरीतिलैया (कोडरमा) : रेल यात्रियों के लिए नई दिल्ली हावडा ग्रैंड कोड सेक्शन लाइफलाइन बन चुकी है। वर्तमान समय में इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ रहती है। अधिकतर ट्रेनों की आरक्षित श्रेणी में पहले ही बुकिग फुल हो जाती है। शुरू होने के बाद 115 सालों में इस ट्रैक ने बेहद लंबा सफर तय किया है। देश के सबसे व्यस्त रूटों में यह सेक्शन शामिल हो चुका है।

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हावड़ा से पहले रानीगंज तक ट्रैक बिछी। इसके बाद 6 दिसंबर 1906 को गझंडी तक इसका विस्तार हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे ट्रैक मुगलसराय, कानपुर होते हुए दिल्ली तक पहुंची। उस समय भाप इंजन से ट्रेन दौड़ती थी। कोडरमा निवासियों के लिए देहरादून, हावडा तक सफर के लिए ट्रेनें मील का पत्थर साबित हो रही थीं। 6 दिसंबर 2006 को जीसी खंड के सौ वर्ष पूरे होने पर गझंडी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। साथ ही गदर फिल्म में दिखाए गए भाप इंजन को लाया गया था। इसे दुल्हन की तरह सजाया गया था।

कई उपलब्धियां हुईं हासिल : पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत धनबाद रेल मंडल माल लोडिग में दूसरे स्थान पर रहता है। धनबाद, कोडरमा, गया के रास्ते चार राजधानी, दूरंतो के अलावा करीब 20 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें इस रूट पर चल रही हैं। गझंडी से दिलवा के बीच बने सुरंग भी ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। अब कोडरमा-हजारीबाग टाउन-बड़काकाना-रांची रेललाइन में भी टनल बनाया जा रहा है। 2016 में हजारीबाग प्रमंडल का मुख्यालय भी ट्रेन रूट में शामिल हुआ।

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बढ़ी ट्रेनों की रफ्तार: ट्रेनों की रफतार पिछले तीन वर्षों में बढ़ी है और सफर भी सुहाना हुआ है। हावडा नई दिल्ली ग्रैंड कोड सेक्शन में ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 130 किमी हो गई है। वहीं इस सेक्शन पर 2024 तक 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने की तैयारी है। ऐसे में एक्सप्रेस ट्रेन से कोडरमा से दिल्ली पहुंचने में केवल 12 घंटे लगेंगे।

बिछी रेलवे लाइन, कम हुई दूरी: मिशन मोड पर रेलवे लाइन बिछने से दूरी भी कम हुई है। कई क्षेत्रों में रेल संपर्क होने से लोगों की राह भी आसान हुई है। खासकर उत्तरी छोटानागपुर के प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग भी रेल मार्ग से जुड़ा। हजारीबाग से बानादाह साइडिग से कोयले की आपूर्ति भी एनटीपीसी के लिए कोडरमा जंक्शन के रास्ते हो रही है। धनबाद रेलमंडल माल लोडिग के क्षेत्र में देश भर में प्रथम और दूसरे स्थान पर रहता है। धनबाद के प्रधान घंटा से कोडरमा के रास्ते पंडित दीनदयाल उपाध्यक्ष जंक्शन तक रेल लाइन की दोनों ओर दीवार बनाई जा रही है। कोडरमा-हजारीबाग-बड़काकाना को रांची से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। नई रेल लाइन के निर्माण के बाद पटना जंक्शन फतूआ इस्लामपुर नेटसर तिलैया कोडरमा हजारीबाग बड़काकाना होते हुए पटना से रांची की दूरी 40 किमी कम हो जाएगी।

::::::::::::::::2018 से 2021 के मध्य तक बिहार व झारखंड में रेललाइन बिछाने के साथ पांच रेल कारिडोर का काम तेजी से चल रहा है। ट्रेनों की गतिसीमा बढ़ने के साथ परिचालन भी सुरक्षित हुआ है। नये क्षेत्र में परिचालन का कार्य तेजी से हो रहा है।कोडरमा के रास्ते तिलैया नवादा रेलखंड पर भी कार्य जारी है। आने वाले समय में कोडरमा देश के मानचित्र में अलग पहचान बनाएगा।

राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेलवे


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