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हटी पाबंदी, अब स्वजनों से मिल सकेंगे जेल के बंदी

संवाद सहयोगी कोडरमा कोडरमा मंडल कारा के बंदी अब अपने परिवार के लोगों से मिल पाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 06:34 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 06:34 PM (IST)
हटी पाबंदी, अब स्वजनों से मिल सकेंगे जेल के बंदी
हटी पाबंदी, अब स्वजनों से मिल सकेंगे जेल के बंदी

संवाद सहयोगी, कोडरमा : कोडरमा मंडल कारा के बंदी अब अपने परिवार के लोगों से मिल पाएंगे। ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण में आई कमी के बाद जेल प्रशासन के द्वारा बंदियों को उनके परिवार से मिलने की इजाजत दे दी गई है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण की तीव्रता के बीच विभिन्न जेलों में बंद बंदियों की उनके घरवालों से मुलाकात पर पाबंदी लगा दी गई थी। बाद में बंदियों की घरवालों से मिलने की बेचैनी और उनकी परेशानी को देखते हुए कारा प्रशासन द्वारा ई-मुलाकात की व्यवस्था शुरू कराई गई थी। अब 23 नवम्बर से फिर बंदियों से उनके घरवाले सीधे मुलाकात कर पा रहे हैं। जेल प्रशासन द्वारा करोना काल में लगाई गई रोक को हटा लिया गया है। जेल में बंद बंदियों और स्वजनों की फिर से मुलाकात शुरू होने से कैदियों के सामान भी अब समय पर जेल के अंदर ले जाए जा सकेंगे। जेल प्रशासन के इस फैसले के बाद कैदियों और उनके स्वजनों को बड़ी राहत मिली और वे खुश महसूस कर रहे हैं। बंदियों के स्वजनों की माने तो कोरोना काल में मुलाकात पर लगी रोक से जेल में बंद बंदी घरवालों से मिलने के लिए एक-एक दिन गिन रहे थे। स्वजन भी उनसे मिलने और हाल जानने को बेताब थे, इसी आस के चलते परिजन कई बार जेल पहुंच रहे थे, लेकिन आदेश न आने का हवाला देकर उनको मना कर दिया जाता था। कोरोना के चलते जेलों में 24 मार्च 2020 से किसी से मुलाकात पर रोक लगाई गई थी। बहरहाल डेढ़ साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद अपनों से मिलने को परेशान स्वजन 23 नवंबर से जेल में बन्द बंदियों से मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। बुधवार को मुलाकात की चाह में परिजन सुबह से ही जेल पहुंच गये, लेकिन नियमों का हवाला देकर 20 लोग ही जेल में बंद बंदियों से मिल सके। बाकियों को नियमों का हवाला देकर मिलने से मना कर दिया गया। दानापुर पटना निवासी पिटू कुमार कहते हैं कि अनलॉक के बीच जहां देशभर में सब खुल गया हो, लेकिन जेल में बंद अपनों से करीब एक साल के बाद मिलने का मौका मिला। वहीं चुटियारो निवासी धनेश्वरी देवी कहती है आंखें पथरा गई थी अपने बेटे को देखने के लिए। कई बार जेल के दरवाजे पा आकर लौट गई थी। आज ईश्वर ने सुन लिया और बेटे से मुलाकात हो गई।

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कोट

कोरोना काल में मुलाकात पर लगाई गई रोक हटा ली गई है। वर्तमान में 20 लोगों का ऑनलाइन पर्ची काट मिलने का प्राविधान है। इस संख्या को बढ़ाने के लिये वरीय अधिकारी से अनुरोध किया जा रहा है।

अभिषेक कुमार सिंह,

प्रभारी जेलर, मंडल कारा, कोडरमा।


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