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नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ करम पर्व

नहाय खाय के साथ शुरू हुआ करम पर्व संवाद सूत्र मरकच्चो (कोडरमा) प्रखंड मुख्यालय मरकच्चो समेत विभिन्न ग्रामीण इलाकों में नहाय ख

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 05:32 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 08:07 PM (IST)
नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ करम पर्व
नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ करम पर्व

संवाद सूत्र, मरकच्चो (कोडरमा): प्रखंड मुख्यालय मरकच्चो समेत विभिन्न ग्रामीण इलाकों में नहाय खाय के साथ गुरुवार से करम पर्व प्रारंभ हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में करम पर्व को लेकर युवतियों में जबरदस्त उत्साह है। करम पर्व भाई की सलामती के लिए मनाया जाता है। प्रखंड मुख्यालय समेत विभिन्न ग्रामीण इलाकों के अखरा पर छोटी-छोटी बच्चियां भी पर्व मनाती हैं। इस पर्व में काफी विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना होती है।

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पर्व के पहले दिन बहनें नदी या तालाब में स्नान कर बांस की नई डाली में बालू भरकर उसमें उड़द, मूंग, घंघरा, मकई, धान, मटर, जौ, कुरथी इत्यादि के बीज बोती हैं। नई डाली को गांव के बीच किसी सार्वजनिक जगह पर रखकर करमा गीत गाया जाता है। सुबह एवं शाम करम गीत गाकर इस बांस की डाली को जगाया जाता है। यह पर्व सामूहिक रूप से मनाया जाता है। बांस की डाली को समूह की ही किसी मुख्य लड़की के यहां रखा जाता है। पांच दिनों तक बहनें प्याज, लहसुन, मांस, मछली आदि का सेवन नहीं करती है। करमा यानी एकादशी के दिन सुबह से तब तक जल ग्रहण नहीं करती है जब तक कि ये करमा-धरमा की कहानी नहीं सुन लेती। 11सितंबर से चल रहे इस पर्व का समापन 17 सितम्बर को एकादशी के दिन होगा। वहीं अखरा में स्थापित किए गए करम डाली का विसर्जन 18 सितंबर की सुबह व्रतियों के द्वारा किया जाएगा। पर्व को लेकर बाजार में करम डाली की बिक्री खूब हुई। वहीं गांव-गांव में महिलाएं एवं युवतियां रातभर झूमर नृत्य कर प्रकृति के प्रति अपनी आस्था प्रकट करती रहीं।


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