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पुलिस पड़ताल पर परिजनों ने उठाए सवाल

एक तो नाबालिग पुत्री को खोने का गम दूसरी ओर सामाजिक बदनामी का कलंक। पुलिस की आधी अधूरी पड़ताल और उपलब्धि का श्रेय लेने की जल्दबाजी से नाबालिग के माता-पिता दोहरे सदमे हैं। पीड़िता के माता-पिता कहते हैं बेटी को तो अपराधियों ने मारा, लेकिन पुलिस ने तो जीते जी ही पूरे परिवार को मार डाला। मरकच्चो प्रखंड के ग्राम दशारो निवासी साव दंपति की एकमात्र बेटी की हत्या के लिए एक लाख रुपये सुपारी देने का आरोप पिता पर लगा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 07:31 PM (IST)
पुलिस पड़ताल पर परिजनों ने उठाए सवाल
पुलिस पड़ताल पर परिजनों ने उठाए सवाल

जागरण संवाददाता, कोडरमा: एक तो नाबालिग पुत्री को खोने का गम दूसरी ओर सामाजिक बदनामी का कलंक। पुलिस की आधी अधूरी पड़ताल और उपलब्धि का श्रेय लेने की जल्दबाजी से नाबालिग के माता-पिता दोहरे सदमे हैं। पीड़िता के माता-पिता कहते हैं बेटी को तो अपराधियों ने मारा, लेकिन पुलिस ने तो जीते जी ही पूरे परिवार को मार डाला। मरकच्चो प्रखंड के ग्राम दशारो निवासी साव दंपति की एकमात्र बेटी की हत्या के लिए एक लाख रुपये सुपारी देने का आरोप पिता पर लगा है। लेकिन न तो गिरफ्तार अपराधियों के पास से दिए गए रुपये की रिकवरी हुई और ना ही पैसे लेनदेन के कोई साक्ष्य मिले। पिता शारीरिक रूप से बेहद कमजोर। टीबी समेत कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित। कुछ वर्ष पूर्व ऑपरेशन कराकर फेफड़ा निकलवा दिए। लेकिन पुलिस ने महज संभावना के आधार पर 21 वर्षीय गर्भवती पतोहु के साथ अवैध संबंध का आरोप इनपर मढ़ दिया। पुलिस के अनुसार ससुर-पतोहु के बीच अवैध संबंध का पता नाबालिग बेटी को चल गया था और यह बात अपनी मां से बताने की बात कही थी, इसके पिता ने अपराधियों को सुपारी देकर उसकी हत्या करवा दी। इस संभावना को इस आाधर पर तार्किक अंजाम दिया जा रहा है कि कुछ लोगों ने गुप्त सूचना दी थी कि आरोपी ससुर अपनी बहु को मोटरसाइकिल में लेकर इधर-उधर जाते थे। इसपर परिजनों का कहना है कि जब पुत्र मुंबई में काम करता हो, और उसकी पत्नी गांव में हो तो उसकी दवा-दारू समेत अन्य जरूरतों के लिए पिता समान ससुर यदि एकाध बार बाजार लेकर जाए तो इसे अवैध संबंध से जोड़कर आरोपित किया जाना कितना व्यवहारिक और कितना तार्किक हो सकता है? यह मामले की पड़ताल करनेवाले पुलिस को सोचना चाहिए। वहीं पुलिस द्वारा घटना के पहले और घटना के बाद अपराधियों को मृतका के पिता के द्वारा 50-50 हजार रुपया बतौर सुपारी दिए जाने के सवाल पर आरोपी पिता का कहना है कि आजतक उनकी बैंक खाते में कभी एक लाख रुपये नहीं रहे। गांव में परचून की दुकान चलाते है। 10-20 हजार से ज्यादा की निकासी एकसाथ कभी नहीं की। पुलिस का संदेह इस बात को लेकर भी है कि घटना की सुबह मृतका के पिता अपने साढ़ु के यहां नवलशाही गए थे। इसपर पिता का कहना है कि वे अपनी पत्नी के कहने पर बेटी का रिश्ता तलाशने अपनी पत्नी के साथ गए थे और शाम तक लौट आए थे। घर लौटने के बाद बहु ने मृतका के स्कूल से नहीं लौटने की सूचना दी। इसके बाद वे खोजबीन करते हुए पुलिस के पास गए। अनुसंधान का एक ¨बदु आरोपी पिता व अपराधियों के मोबाइल का सीडीआर रिपोर्ट (कॉल डिटेल्स रिपोर्ट) का मिलान हो सकता है, जो पुलिस को अभीतक उपलब्ध नहीं हो सका है। बहरहाल, मृतका के आरोपी पिता को पुलिस ने फिलहाल पीआर बांड पर छोड़ दिया है। :::::::::::::: परिवार की मांग: हो उच्चस्तरीय जांच :::::::::::::::::

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छात्रा की हत्या के मामले में उसके पिता को आरोपी बनाए जाने के मामले में मृतका का पूरा परिवार उसके पिता के साथ है। मृतका के पिता का कहना है कि वे किसी भी तरह के जांच से गुजरने को तैयार है। सरकार मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए और सही तथ्य को सामने लाए। वहीं आरोपी की पत्नी, पुत्र और पतोहु भी पुलिस की इस कार्रवाई से काफी मर्माहत हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस ने पूरे परिवार को कलंकित करने का काम बिना किसी आधार के किया है। इसलिए ठोस साक्ष्यों के साथ सच्चाई सामने लाए।

:::::::क्या कहते हैं एसपी::::::::::

मेरे पर्सनल फी¨लग में मृतका का पिता कांड में संलिप्त है। जो हमने उससे पूछताछ की है उसमें उसकी संलिप्तता लगती है। लेकिन जेल भेजने योग्य ठोस साक्ष्य अभी नहीं मिले हैं। अभी उसे जेल भेज भी दिया जाए तो उसे बेनिफिट ऑफ दाउट मिल जाएगा। वह कई गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित है, इसलिए थाना में भी उसे ज्यादा देर नहीं रखा जा सकता है। इसलिए पीआर बांड पर छोड़ दिया गया है। प्रयास किया जा रहा है कुछ साक्ष्य जुटाने का। शेष आरोपियों के खिलाफ कांड में संलिप्तता के पुख्ता साक्ष्य हैं। लोगों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार भी की है।

डॉ. एम तमिल वानण, एसपी, कोडरमा। ::::::::::::शुरू से ही दुविधा में रही है पुलिस::::::::::

कांड को लेकर पुलिस शुरू से ही दुविधा में रही है। शुरूआत में बात हत्या से पहले सामूहिक दुष्कर्म की आयी। बाद में एसपी के द्वारा कहा गया कि सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुई है, लेकिन दुष्कर्म की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की बात स्पष्ट नहीं हो सकी। वैसे जिले में अबतक जितने संगीन व चर्चित मामले हुए, अधिकतर में पोस्टमार्टम रिपोर्ट विवादस्पद रहा। वहीं पुछताछ में गिरफ्तारों आरोपियों ने दुष्कर्म के प्रयास की बात स्वीकारी है। साथ ही हत्या के लिए पसुली भी एक पासी के यहां से लेने की बात स्वीकारी है।


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