चमक गायब, रोजगार पर चला बुलडोजर
लोकसभा चुनाव का प्रश्न के साथ ही जिले में चुनावी मुद्दे गर्म होने लगे हैं स्थानीय सांसद और कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से पहली बार भाजपा से चुने गए डॉ रविद्र राय कार्यों का आकलन शुरू हो गया है विरोधी और की नाकामियों को गिराने का प्रयास कर रहे हैं
कोडरमा : चुनाव का मौसम आते ही कोडरमा संसदीय क्षेत्र के कोडरमा इलाके में पिछले दिनों लोगों के रोजगार पर चले बुलडोजर के घाव फिर से हरे होने लगे हैं। पांच वर्ष पूर्व अच्छे दिन की आस में पूरे देश में बदलाव की एक लहर चली थी तो तो अभ्रखांचल के लोगों को लगा था कि चांदी की तरह चमकनेवाले अभ्रख की चमक फिर से वापस लौटेगी। अभ्रखांचल के गढ़ झुमरीतिलैया प्रखंड मैदान में एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के पीएम पद के तत्कालीन उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने जब कहा था, अब कुछ ही दिनों में माइका की तरह लोगों के चेहरे चमकेंगे, पूरा मैदान हाथ हिलाकर मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए थे। लेकिन माइका की चमक आज भी मिट्टी के साथ धुंधली है। जंगलों में मिट्टी के ढेर से माइका चुननेवालों पर वन व खनन विभाग का शिकंजा और मजबूत हो गया। व्यापारियों के गोदामों में ताबड़तोड़ छापे पर तो माइका की चमक और फीकी हो गई। इसी तरह रोजगार के दूसरे बड़े सेक्टर स्टोन क्रशर पर भी प्रशासन का बुलडोजर जमकर चला। दर्जनों क्रशर ढहा दिए गए। हालांकि बाद में सत्तासीन दलों के हस्तक्षेप के बाद मामला ठंडा पड़ा, लेकिन सरकारी नीतियों के कारण इस क्षेत्र से जुड़े लोग कोई बड़ा जोखिम उठाने से पांव पीछे कर लिए। वैसे प्रशासन की कार्रवाई अवैध कार्यों के खिलाफ हुई, जिसे वर्षों से राजनीतिक दबाव और रोजगार की दुहाई देकर अघोषित स्वीकृति मिली हुई थी। लेकिन जनता भी अपनी सहूलियत देखती थी। अब जब पांच वर्षों के बाद सांसद के कार्यों का आकलन हो रहा है तो विपक्षी दल ऐसे ही संवेदनशील मुद्दों को उखाड़कर जनता के पुराने जख्मों को फिर से हरा करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे। मामला भले ही वन पर्यावरण एवं एनजीटी से जुड़ा हो, लेकिन इसे लोग सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधि की नाकामी में गिनाने का का प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी दल के लोग व राज्य व केंद्र सरकार की उपलब्धियों और दोनों सरकार के द्वारा किए गए जन कल्याणकारी कार्यों को भुनाने में लगे हैं। लेकिन माइका व क्रशर के मुद्दे पर सत्ताधारी दल के लोग बचाव की मुद्रा में रहते हैं। जबकि केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्यों को अब तक का ऐतिहासिक बताते हैं। इन उपलब्धियों में मुख्य रूप से कोडरमा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कई बड़ी सड़कों पुलों का निर्माण इंजीनियरिग कॉलेज के स्थापना केंद्रीय विद्यालय की स्थापना रेल परियोजनाओं को गति देने ट्रेनों के परिचालन जैसे मुद्दों को लेकर सत्ताधारी दल जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं। सांसद डॉ रविद्र राय के अनुसार उनके कार्यकाल में क्षेत्र का कितना विकास ऐतिहासिक हुआ है, इसका आकलन जनता करेगी। वह निर्णय भी जनता पर ही छोड़ते हैं। वहीं दूसरी ओर गत चुनाव में सांसद डॉ रविदर राय के निकटतम प्रतिद्वंदी रहे भाकपा माले के राजकुमार यादव रोजी रोजगार के मुद्दे को लेकर सांसद पर हमलावर हैं। बकौल राजकुमार केंद्र एवं राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद विकास के नाम पर क्षेत्र में कोई कार्य नहीं हुए। जनता से रोजगार चुना गया सरकारी स्कूलों की दशा सुधर पाई है ना ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई सुधार आ पाया है। अब जनता के लिए हिसाब करने का वक्त आ गया है।