ज्ञानसेतु कार्यक्रम का बुरा हाल, होगी कार्रवाई
सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूण्र शिक्षा व कमजोर बच्चों को पटरी पर लाने के सरकार के प्रयास को झटका लग रहा है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ज्ञानसेतु कार्यक्रम का जिले में बुरा हाल है। शिक्षकों के रूचि नहीं दिखाने के कारण अभियान का सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहा है।
कोडरमा: सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व कमजोर बच्चों को पटरी पर लाने के सरकार के प्रयास को झटका लग रहा है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ज्ञानसेतु कार्यक्रम का जिले में बुरा हाल है। शिक्षकों के रूचि नहीं दिखाने के कारण अभियान का सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहा है। करीब 60 लाख रूपये खर्च कर नोटबूक व पुस्तिका कमजोर की श्रेणी में चिह्नित बच्चों के बीच वितरण किया गया है। लेकिन इन वर्कबूक का सही इस्तेमाल बच्चे कर रहें है या नहीं, यह देखने वाला कोई नहीं है। यानी विद्यालयों की व्यवस्था बेहाल है। यहां तक की अधिकारियों द्वारा भी विद्यालयों का नियमित मॉनिट¨रग के नाम पर कागजी खानापूर्ति किया जा रहा है। इधर, शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ज्ञानसेतु कार्यक्रम की समीक्षा की तो चौंकाने वाले मामले सामने आए। समीक्षा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि जिले में ज्ञानसेतु कार्यक्रम की स्थिति संतोषजनक नहीं है। शिक्षकों के द्वारा पाठयक्रम तैयार नहीं किया जा रहा है। यहां तक कि अधिकांश शिक्षकों के द्वारा बच्चों को दी गई वर्कबूक तक की जांच नहीं की जा रही है। उच्च विद्यालय एवं प्राथमिक स्तर के शिक्षकों द्वारा ज्ञानसेतु कार्यक्रम में रूचि नहीं दिखाई जा रही है। निर्देशानुसार ऐसे चिह्नित बच्चों को ग्रुप के अनुसार नहीं बिठाया जा रहा है। जाहिर है कार्यक्रम का उद्देश्य की पूर्ति नहीं होने से बच्चों का भविष्य भी दांव पर लगा है। समीक्षा के दौरान ऐसे मामलों को जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनारायण साह ने गंभीरता से लिया गया है। साथ ही संबंधित अधिकारियों को प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम में लापरवाही बरतने वाले ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है, ताकि विभागीय कार्रवाई एवं एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की जा सके। वहीं कार्यक्रम में रूचि नहीं दिखाने वाले पारा शिक्षकों के संविदा रद करने की भी चेतावनी दी गई है।