ऋण योजना का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा करें बैंक: डीसी
कोरोना काल में अब बैंकिग योजनाएं लोगों को उत्थान के दिशा में महत्वपूर्ण होगा। इसके मद्देनजर वर्ष 2020-21 के लिए जिले के वार्षिक ऋण योजना के तहत 993 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है।
संवाद सहयोगी, कोडरमा: कोरोना काल में अब बैंकिग योजनाएं लोगों के उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण होंगी। इसके मद्देनजर वर्ष 2020-21 के लिए जिले के वार्षिक ऋण योजना के तहत 993 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए बैंकों को उक्त लक्ष्य दिसंबर 2020 तक प्राप्त करना हर हाल में जरूरी है। उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में विभिन्न बैंकों के वार्षिक ऋण योजना की उपलब्धि, बैंकों के साख-जमा अनुपात वृद्धि, केसीसी ऋण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान के तहत किसानों को केसीसी ऋण देने, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्म निर्भर निधि योजना के तहत वेंडरों को ऋण देने, एसएचजी, एनआरएलएम, जेएसएलपीएस एवं अन्य कृषि ऋण संबंधी उपलब्धियों पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान जिला अग्रणी प्रबंधक विजय प्रताप सिंह ने बताया कि कोडरमा जिले का ऋण जमा अनुपात 39.33 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हुआ और वार्षिक उपलब्धि 31.84 प्रतिशत रही। जिले में 31 मार्च 20 तक सभी बैंकों द्वारा कुल 52,528 किसानों को 195 करोड़ रूपया केसीसी ऋण के रुप में दी गई है। उपायुक्त ने प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम योजना की समीक्षा करते हुए सभी बैंकों को कम से कम दो लाभुकों को इस योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सभी बैंकों को स्वयं सहायता समूह के बैंक खाता खुलवाने एवं लबित पड़े आवेदनों को एसएचजी के खाता खोलते हुए जल्द निष्पादन करने को कहा। नाबार्ड के द्वारा प्री-पीएलपी मीटिग वितीय वर्ष 2021-22 पर चर्चा की गई। इधर, जिला स्तरीय आरसेटी परामर्शदात्री समिति की भी बैठक की गई। जिसमें आरसेटी कोडरमा से संबंधित विभिन्न बिदुओं पर चर्चा की गई। इस मौके पर उप विकास आयुक्त आलोक त्रिवेदी, अनुमंडल पदाधिकारी विजय वर्मा, जिला गव्य विकास पदाधिकारी मुकुल प्रसाद, जिला योजना पदाधिकारी राम निवास प्रसाद, जिला अग्रणी प्रबंधक विजय प्रताप सिंह, डीडीएम नाबार्ड हरिदत्त पोद्दार, सभी बैंकों के शाखा प्रबंधक व अन्य मौजूद थे। अब केसीसी उबारेगा किसानों को:
अब केसीसी का लाभ कृषि से संबंधित गव्य पालन, पशुपालन, मत्स्य पालकों को भी दिया जाएगा। भारत सरकार की प्राथमिकता के आधार पर गौ पालन, पशुपालन एवं मत्स्य पालन करने वाले लाभुकों को केसीसी ऋण उपलब्ध कराने का अभियान संचालित है। उपायुक्त ने जिला अग्रणी प्रबंधक को निर्देशित करते हुए कहा कि लाभुकों को चय़नित करते हुए ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। पीएम किसान के हर लाभुक को केसीसी के लाभ से अच्छादित किया जाना है। वहीं गव्य पालन, पशु पालन, मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को भी केसीसी का लाभ मिलेगा। 31 जुलाई तक इस अभियान को पूरा किया जाना है। गव्य पालन के 511 लाभुक, पीएम किसान में 15800 लाभुकों को लाभ दिया जाएगा।