40 साल में भी नहीं हुआ जेजे कॉलेज की जमीन का म्यूटेशन
कोडरमा जिले के एकमात्र अंगीभूत महाविद्यालय जेजे कॉलेज के समक्ष आज अपनी जमीन को बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। महाविद्यालय की कुल 17.11 एकड़ जमीन में से मात्र 2.09 एकड़ जमीन का ही दाखिल खारिज हो पाया है। जबकि शेष जमीन के दाखिल खारिज के लिए कई बार अंचल का चक्कर काटने के बाद भी इसका दाखिल-खारिज नहीं हो पाया।
संवाद सूत्र, झुमरीतिलैया: कोडरमा जिले के एकमात्र अंगीभूत महाविद्यालय जेजे कॉलेज के समक्ष आज अपनी जमीन को बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। महाविद्यालय की कुल 17.11 एकड़ जमीन में से मात्र 2.09 एकड़ जमीन का ही दाखिल खारिज हो पाया है। जबकि शेष जमीन के दाखिल खारिज के लिए कई बार अंचल का चक्कर काटने के बाद भी इसका दाखिल-खारिज नहीं हो पाया। इस संबंध में जेजे कॉलेज के प्राचार्य ने कोडरमा के अंचलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर अपनी चिता जाहिर करते हुए कहा है कि एनएच-31 रांची-पटना रोड पर स्थित इस महाविद्यालय की जमीन अब सड़क के चौड़ीकरण में जा रही है तो पुराने रैयत अपनी जमीन के पुराने कागजात लेकर महाविद्यालय में आकर अपनी दावेदारी जता रहे हैं। कहा है कि सन् 1971 में कॉलेज के शासी निकाय द्वारा 3.93 एकड़ जमीन खरीदी गई थी। उत्तरी छोटानागपुर के आयुक्त द्वारा 8.74 एकड़ और 2.94 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर महाविद्यालय को दिया गया, जिसका मुआवजा भुगतान कोषागार के माध्यम से रैयतों को किया गया। पुन: वर्ष 1981 से 1984 तक 4.39 एकड़ जमीन महाविद्यालय द्वारा खरीदी गई। वहीं 1.04 एकड़ जमीन दान में महाविद्यालय को प्राप्त हुआ। इस प्रकार कुल 17.11 एकड़ जमीन महाविद्यालय को प्राप्त है, जिसमें से मात्र 2.09 एकड़ जमीन का ही दाखिल-खारिज अंचल स्तर से हुआ है। शेष जमीन की दाखिल-खारिज के लिए 1978 से ही दस्तावेज संलग्न कर अंचल कार्यालय में जमा किया गया है, लेकिन आजतक दाखिल-खारिज नहीं हो पाया है। उन्होंने शीघ्र ही कॉलेज की जमीन का दाखिल-खारिज करने का आग्रह किया है। इसी तरह का पत्र पूर्व में भी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. विमल मिश्रा के द्वारा भी संबंधित अधिकारियों को भेजा गया था। कॉलेज के विश्वनाथ सिंह ने बताया कॉलेज की तरफ से पुन: आवेदन अंचलाधिकारी को दिया गया है।