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तीन तलाक कानूनन जुर्म व शरियत में हराम है: तंजीम अहले सुन्नत

कोडरमा तंजीम अहले सुन्नत एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के बैनर तले •िाले के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा जागरूकता अभियान चला रही है। इसी के तहत बाराटांड अकलवाटांड गुड्डीटांड व नावाडीह में शिक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कारी शमीम रहबर ने की जबकि संचालन मौलाना मो मुमताज रजा ने किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 06:16 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 06:16 PM (IST)
तीन तलाक कानूनन जुर्म व शरियत में हराम है: तंजीम अहले सुन्नत
तीन तलाक कानूनन जुर्म व शरियत में हराम है: तंजीम अहले सुन्नत

संवाद सहयोगी, कोडरमा:

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तंजीम के अध्यक्ष मौलाना शहादत फैजी ने कहा कि अफसोस है कि तीन तलाक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। लोग आज डाक के माध्यम से तीन तलाक दे रहे हैं, यह बहुत दुखद है। हमारे सभी उलेमा धर्म गुरुओं को चाहिए कि शिक्षा जागरूकता अभियान चलाकर गांव-गांव तीन तलाक की बीमारी को दूर करें, क्योंकि तीन तलाक शरियत में हराम और कानूनन जुर्म है। वे रविवार को तंजीम अहले सुन्नत एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाए जा रहे शिक्षा जागरूकता अभियान के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। बाराटांड, अकलवाटांड, गुड्डीटांड व नावाडीह में शिक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कारी शमीम रहबर ने की, जबकि संचालन मौलाना मो मुमताज रजा ने किया।

फैजी ने कहा कि लोग शिक्षित न होने के कारण तीन तलाक दे रहे हैं। अगर इस पर ध्यान न दिया गया तो नौजवानों की बड़ी संख्या जेल के सलाखों में नजर आएंगे और औरतें सड़क पर। इस तरह कितने घर बर्बाद हो जाएंगे। अगर  पति-पत्नी में अनबन है और औरत को अपने से अलग रखना है तो एक तलाक ही काफी है, ताकि आगे मिलने का रास्ता बचा रहे।

फैजी ने गांव घर में पंचायत करने वाले बुद्धिजीवी और समाज सेवी से आग्रह किया कि तलाक के चैप्टर को उलेमा से ठीक से समझ लें, अपने से फैसला न लें। कोई पंचायत तीन तलाक किसी से न दिलाएं। तंजीम के सचिव मौलाना मो मुमताज रजा ने कहा कि तरक्की पाने के लिए गवर्नमेंट का हिस्सा बनना जरूरी है और हिस्सेदारी तभी मिल सकता है जब आप और आप के बच्चे शिक्षित होंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने पैसे को फिजूलखर्ची से बचा कर शिक्षा में खर्च करने की जरूरत है। एक रात में हम जलसा और इजतिमा के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर देते हैं। अगर हम दिनयात, मैथ, साइंस और अंग्रेजी के चार टीचर्स रख लें तो हमारे बच्चों का एक साल तक जलसा होता रहेगा। मौलाना ने कहा कि अबतक हमारा यह शिक्षा जागरूकता अभियान लगातार बीस दिनों से निश्शुल्क चलेगा, ताकि हमारा समाज शिक्षित हो जाए। इस जागरूकता अभियान से स्त्री एवं पुरुष में काफी बदलाव देखा जा रहा है। अभियान में कारी अब्दुल वाहिद, मौलाना गुलाम हैदर, हाफिज नेजाम, कारी गुफरान सहित अन्य मुस्लिम विद्वानों ने शिक्षा पर जोर देते हुए हम पढें अपने बच्चों को पढाएं, मिल जुल कर देश को आगे बढ़ाएं का नारा लगाया। वहीं कार्यक्रम के आखिर में देश में अमन शांति भाईचारे और देश की अखंडता एकता की दुआ की गई और सलाम पढ़े गए।


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