Move to Jagran APP

तीन दिनों में नहीं मिला नियुक्ति पत्र तो करेंगे भूख हड़ताल

कोडरमा अपनी मांगो को लेकर हड़ताल कर रहे अनुशंसित व चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों का कोडरमा समाहरणालय के समक्ष धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। धरना की अध्यक्षता विजय कु.पाण्डेय व संचालन गंगाधर महतो ने की। प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अभ्यर्थियों ने कहा की जिस प्रकार जाँच प्रक्रिया चल रही है उससे महीनों लगने की संभावना है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 05:35 PM (IST)
तीन दिनों में नहीं मिला नियुक्ति पत्र तो करेंगे भूख हड़ताल
तीन दिनों में नहीं मिला नियुक्ति पत्र तो करेंगे भूख हड़ताल

कोडरमा: अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे अनुशंसित व चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों का कोडरमा समाहरणालय के समक्ष धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। धरना की अध्यक्षता विजय कुमार पांडेय व संचालन गंगाधर महतो ने की। धरना के उपरांत अभ्यर्थियों ने कहा कि जिस प्रकार जांच प्रक्रिया चल रही है, उससे महीनों लगने की संभावना है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि अगर दो तीन दिन में नियुक्ति पत्र वितरण नहीं होता है तो आंदोलन को तेज करते हुए भूख हड़ताल पर बैठेंगे। लोगों ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न हो गई है, जबकि कोडरमा एकमात्र जिला है, जहां अधिकारियों की लापरवाही के कारण नियुक्ति प्रक्रिया लटक गई है। इसका खामियाजा चयनित शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।  कार्यक्रम में अनिल कुमार, केदारनाथ महतो, बैजनाथ महतो, संदीप पटेल, दिवाकर पाडेय, रूस्तम अंसारी, संतोष पासवान, मदन राम, ब्रह्मदेव पासवान, रामसेवक महतो, बिनोद कुमार, स्वीटी विश्वास, जानकी कुमारी आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद नौंवी काउंसिलिगं में करीब 50 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा जिलास्तरीय समिति के द्वारा की गई थी। लेकिन बाद में मेधांक को लेकर उभरे विवाद के कारण मामला फिलहाल लटक गया है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.