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कुपोषण के लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार

अखिल भारतीय आंगनबाड़ी सेविका सहायिका फेडरेशन (आइफा-सीटू) के आह्वान पर देशव्यापी मांग दिवस के अवसर पर आंगनबाड़ी कर्मियों को स्थायी करने को लेकर धरना दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 07:10 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 06:50 AM (IST)
कुपोषण के लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार
कुपोषण के लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार

संवाद सहयोगी, कोडरमा: अखिल भारतीय आंगनबाड़ी सेविका सहायिका फेडरेशन (आइफा-सीटू) के आह्वान पर देशव्यापी मांग दिवस के अवसर पर बुधवार को आंगनबाड़ी कर्मियों ने कोडरमा समाहरणालय के समक्ष एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के माध्यम से कर्मियों को स्थायी करने, आइसीडीएस के लिए बजट आवंटन बढ़ाने, 45 वें श्रम सम्मेलन को लागू करते व न्यूनतम वेतन 18 हजार देने, सामाजिक सुरक्षा और पेंशन देने, आइसीडीएस में कॉरपोरेट कंपनियों और एनजीओ की भागीदारी बंद करने की मांग की गई। धरना को संबोधित करते हुए वामपंथी नेता और सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण बच्चों में कुपोषण लगातार बढ़ रहा है। बिहार के मुजफ्फरपुर में 150 बच्चों की दुखद व अकाल मृत्यु में बच्चों के कुपोषण के मुद्दे को राजनीतिक विमर्श के केंद्र में ला दिया है। आज देश में लगभग छह करोड़ बच्चे औसत से कम वजन के हैं। 45 प्रतिशत बौने और 20 प्रतिशत अति कुपोषित, 75 प्रतिशत एनीमिया के शिकार तथा 57 प्रतिशत में विटामिन की कमी से जूझ रहे हैं। दुनिया के कुल कुपोषित बच्चों की आधी संख्या भारत में है। झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कुपोषित राज्यों की श्रेणी में है। सीटू नेता रमेश प्रजापति ने कहा कि मोदी सरकार की नवउदारवाद नीतियों के कारण सरकारी नीतियां प्रभावी नहीं हो रही हैं। आज इसके खिलाफ व्यापक जनांदोलन खड़ा करना होगा। जिलाध्यक्ष मीरा देवी और सचिव पूर्णिमा राय ने कहा कि आइफा और सीटू प्रतिवर्ष 10 जुलाई को मांग दिवस मनाती है और आइसीडीएस तथा आंगनबाड़ी के मुद्दों को उठाती है। भारत को कुपोषण मुक्त बनाने तथा आइसीडीएस और इसके वर्कर्स के लिए एक समग्र नीति लाने के लिए अपने संघर्षों को और मजबूत करने की जरूरत है। अंत में केंद्रीय मांगों सहित जिला मे छह माह से बकाया पोषाहार राशि व सेविका सहायिका पोषण सखी का लंबित मानदेय भुगतान करने, वर्ष 2016-2017 मे तीन माह का मानदेय तकनीकी कारणों से खातों मे नहीं गया है, उसे अविलंब भेजने, आंगनबाड़ी केंद्रों मे बच्चों को दिए जाने वाला खिचड़ी हेतु चावल नियमित रूप से देने एवं पूर्व की तरह प्रोटीन हेतु आंगनबाड़ी बच्चों को अंडा दिए जाने सहित 11 सूत्री मांग पत्र उपायुक्त के नाम सौंपा गया। धरना की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मीरा देवी ने की, जबकि संचालन मंजू मेहता व शोभा प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर संध्या वर्णवाल, सुनीता देवी, कुमारी अनामिका, सरस्वती देवी, चितामणि देवी, आशा देवी, सुषमा देवी, अनीता, गायत्री, बबीता, कांति, संतोषी, उषा देवी, अफसाना, रूकसार बेगम, सुरैया खातुन, याशमीन, रूबी खानम, देवन्ती, संगीता, आरसी प्रवीण, गायत्री वर्णवाल, सुनीता वर्णवाल, पिकी, कंचन, प्रमीला, अनार देवी, शीला, उर्मिला, पुनम देवी, विद्यावती, रंजु, प्रियंका, ममता वर्मा, शर्मिला, पार्वती, बेबी सहित सैकड़ों सेविका सहायिका और पोषण सखी उपस्थित थीं।

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