घर-आंगन में लोग लगा रहे ऑक्सीजन देने वाला प्लांट
संवाद सहयोगी कोडरमा कोरोना संकट ने लोगों को ऑक्सीजन की महत्ता से अवगत करा दिया है।
संवाद सहयोगी, कोडरमा : कोरोना संकट ने लोगों को ऑक्सीजन की महत्ता से अवगत करा दिया है। घर के बाहर कोरोना वायरस का संकट व घर के अंदर शुद्ध हवा की कमी ने लोगों को सचेत कर दिया। यही कारण है कि अब शहरी इलाकों के लोग भी घर-आंगन को ऑक्सीजन देने वाले प्लांट से सजा रहे हैं। हाल के दिनों में झुमरीतिलैया स्थित नर्सरी से सैकड़ों लोगों ने घरों में भरपूर ऑक्सीजन देने वाले आटउडोर व इंडोर प्लांट लिया है।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भी इस तरह की प्लांट लेने वालों की तादाद काफी थी। इससे यह समझा जा सकता है कि लोग अब घर के कमरे व आंगन-छत में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने का प्रयास कर रहे है। यानी पेड़-पौधों की ओर लोगों का बढ़ता आकर्षण आने वाले समय के लिए शुभ संकेत हो सकता है। झुमरीतिलैया के शहरी इलाके का विस्तार के कारण पेड़-पौधों का अस्तित्व लगभग समाप्त हो रहा है। ऐसे में लोग खुद के घरों में ही कुछ पौधे लगाकर पेड़ों की कमी को दूर कर सकते हैं। घर के आंगन में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले स्नेक प्लांट, एरिका पाम, क्रोटोन प्लांट, मोर पंख, अशोक आदि की मांग ज्यादा है। इससे नर्सरी में भी ऐसे ऑक्सीजन देने वाले प्लांट की कमी हो गई है। लोग इन पौधों को घर के अंदर बालकनी, छत आदि में लगा रहे हैं। नर्सरी संचालक पप्पु चावला के अनुसार, घर के लिए स्नेक प्लांट सर्वाधिक ऑक्सीजन देने वाला पौधा माना जाता है। इस पौधे की शक्ल की वजह से इसे स्नेक प्लांट के नाम से जाना जाता है। यह पौधा काफी सहनशील भी होता है। वहीं घर के अंदर एरिका पाम जैसे इंडोर प्लांट की भी काफी डिमांड है। हास्पिटल के साथ-साथ लोग घरों में इस पौधे को बड़ी संख्या में लगा रहे हैं। यह भी भरपूर ऑक्सीजन देने वाला प्लांट माना जाता है। वहीं क्रोटोन पौधा हवा को शुद्ध करने का काम करती है। लोग घरों के छत, गार्डन, बालकनी में इस पौधे को खूब लगा रहे हैं। इसके अलावा एलोवेरा, तुलसी, गिलोय, क्रिसमस ट्री आदि की डिमांट भी लोग कर रहे हैं। ये पौधे भी घरों के लिए काफी शुभ माने जाते हैं।