Move to Jagran APP

जिऊतिया व्रत 10 को, महिलाएं रखेंगी निर्जला उपवास

संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) वंश वृद्धि व संतान की मंगल कामना के लिए महिलाएं आश्विन

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 06:19 AM (IST)
जिऊतिया व्रत 10 को, महिलाएं रखेंगी निर्जला उपवास
जिऊतिया व्रत 10 को, महिलाएं रखेंगी निर्जला उपवास

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): वंश वृद्धि व संतान की मंगल कामना के लिए महिलाएं आश्विन माह के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को जिऊतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत करतीं हैं। यह वर्ष व्रत 10 सितंबर को है। महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और उसकी रक्षा के लिए अष्टमी के दौरान निर्जला और निराहार रहती हैं। जिऊतिया व्रत में तीन दिनों का विशेष विधान है। जिऊतिया व्रत में पहले दिन को नहाय-खाय कहा जाता है। इस दिन महिलाएं स्नान करने के बाद एक बार भोजन करती हैं और फिर दिन भर कुछ नहीं खाती हैं। व्रत में दूसरे दिन को खर जितिया कहा जाता है। अष्टमी के दिन पड़ने वाला खर जिऊतिया व्रत का विशेष व मुख्य दिन है। इस दिन महिलाएं निर्जला व निराहार रहती हैं। व्रत के तीसरे दिन पारण किया जाता है। 10 को पूजा का शुभ मुहूर्त इस बार आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि बुधवार रात नौ बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ होगी और गुरुवार 10 सितंबर की रात 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। पंडित प्रभाकर झा के अनुसार 10 सितंबर को अष्टमी में चंद्रोदय का अभाव है। इसी दिन जिऊतिया पूजा किया जाएगा। शुक्रवार को सुबह से ही व्रती महिलाएं पारण कर सकेंगी।

prime article banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.