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जीते जी दिया सम्मान, मौत पर खोजते रहे प्रावधान

स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय कैलाश पांडे की पत्नी पुनीता देवी (105) की अर्थी को जिला प्रशासन या सरकार की ओर से उन्हें सम्मान में एक फूल तक नसीब नहीं हुआ।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 01:55 PM (IST)
जीते जी दिया सम्मान, मौत पर खोजते रहे प्रावधान
जीते जी दिया सम्मान, मौत पर खोजते रहे प्रावधान

कोडरमा, जेएनएन। झारखंड में कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड अंतर्गत काली मंडा निवासी स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय कैलाश पांडे की पत्नी पुनीता देवी (105) की अर्थी को जिला प्रशासन या सरकार की ओर से उन्हें सम्मान में एक फूल तक नसीब नहीं हुआ। इससे पूर्व स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर पुनीता को प्रशासन के द्वारा सम्मान के साथ जिले के मुख्य समारोह में ले जाया जाता था और वहां से सम्मानित करने के बाद वापस उनके घर पहुंचा दिया जाता था, लेकिन मौत के बाद किसी तरह का सम्मान नहीं मिलना इनके परिजनों को काफी साल रहा है।

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सोमवार की शाम उनके निधन के पश्चात परिजनों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को इसकी सूचना दी, लेकिन प्रशासन की ओर से इस मामले में किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की गई। अंत में मंगलवार की सुबह सामाजिक तरीके से उनका दाह संस्कार कर दिया गया। आज छठ पूजा की व्यस्तता के बावजूद इनकी अंतिम यात्रा में इलाके के सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए, लेकिन जिला का प्रखंड प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा इसमें शरीक नहीं हुआ और ना ही किसी तरह की प्रशासनिक औपचारिकता पूरी की गई। इस संबंध में मृतका के पुत्र श्रीकांत पांडे ने कहा कि उनकी मां की मौत की सूचना जिले के एसडीओ समेत तमाम अधिकारियों को दी गई, लेकिन प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी की बेवा को एक फूल तक चढ़ाने नहीं पहुंचा। यह दुखद है।

उन्होंने कहा कि उनके पिता स्वतंत्रता संग्राम में दो-दो बार जेल गए थे। वर्ष 1978 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद से विभिन्न का समारोह में उनकी माता को सम्मान जिला प्रशासन की ओर से दिया जाता था। लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि उनकी मौत के बाद किसी तरह का सम्मान नहीं नहीं मिला। उनकी अंतिम यात्रा में डोमचांच नगर पंचायत के अध्यक्ष राज कुमार मेहता समेत सैकड़ों गणमान्य लोग शामिल हुए। इस संबंध में बात करने पर डोमचांच वीडियो मनीष कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी की विधवा को सम्मानित किए जाने का किसी प्रकार का सरकारी प्रावधान के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। वे जिला स्तर पर इस संबंध में क्या प्रावधान हैं, इसकी जानकारी ले रहे हैं। 


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