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बेटी दो कुलों को तारती है: पंडित रामकरण

बेटी ही जीवन है जो दो कुलों को तारती है जो पितृ एवं ससुराल पक्ष शामिल है। कन्या दान महादान की श्रेणी में आता है और वे लोग सौभाग्यशाली होते हैं जिनके आंगन में कन्यारूपी रत्न प्राप्त होता है। उक्त बातें गुरुवार को झुमरीतिलैया के श्री सीताराम जी ठाकुरबाड़ी परिसर में श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठे दिन गुरुवार को रुक्मिणी विवाह उत्सव कन्यादान व रासलीला पर आधारित व्याख्यान पर दिल्ली के कथावाचक पंडित रामकरण जी सहल ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या महापाप की श्रेणी में आता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 11:23 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 11:23 PM (IST)
बेटी दो कुलों को तारती है: पंडित रामकरण
बेटी दो कुलों को तारती है: पंडित रामकरण

झुमरीतिलैया (कोडरमा): बेटी ही ऐसा जीवन है जो दो कुलों को तारती है जो पितृ एवं ससुराल पक्ष शामिल है। कन्या दान महादान की श्रेणी में आता है और वे लोग सौभाग्यशाली होते हैं जिनके आंगन में कन्यारूपी रत्न प्राप्त होता है। उक्त बातें गुरुवार को झुमरीतिलैया के श्री सीताराम जी ठाकुरबाड़ी परिसर में श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठे दिन गुरुवार को रुक्मिणी विवाह उत्सव, कन्यादान व रासलीला पर आधारित व्याख्यान पर दिल्ली के कथावाचक पंडित रामकरण जी सहल ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या महापाप की श्रेणी में आता है। आज के समय में इस विषय पर अत्यंत ¨चता की बात है। आज भारतवर्ष में बालक के अपेक्षा बालिकाओं की संख्या कम है। इसलिए कथा में इसका भी महत्व है। बेटियां नहीं तो व्यक्ति कभी दाता नहीं सकता। व्यासपीठ से आचार्य श्रीराम शरण सहल ने आगे कहा कि मनुष्य के बीच मायारूपी का जो पर्दा है उसे बहुत अच्छे से समझें। आत्मा ही परमात्मा है। जीवन में विद्या और गुरु का महत्व है। जीवन में विद्या के रूप में समाज कल्याण एवं समाज सुधार आता है। उन्होंने कंस वध की कथा सुनाते हुए कहा कि समाज में फैली बुराइयों को सदैव जागृत का संदेश दिया। नदियों व पर्यावरण के प्रति सदैव सजग एवं समर्पित रहने की बात कही। रुक्मिणी विवाह पर प्रसंग सुनाते हुए कहा कि हमारे जीवन में कन्यादान का महत्व है और 25 पीढ़ी से यह चला आ रहा है। कन्या दान महादान की श्रेणी में भी आता है। रुक्मिणी विवाह पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने वस्त्र एवं अन्य सामग्री दिया। इस दौरान कृष्ण व रुक्मिणी की झांकी प्रस्तुत की गई जो आकर्षण का केंद्र रहा। इस दौरान आओ मेरी सखियों मुझे मेंहदी लगाओ., तेरी बिगड़ी बन जाएगी प्यारे राधे-राधे बोल.. भजन प्रस्तुत किया गया।

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मौके पर जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने कहा कि भागवत कथा सुनने से भगवान की लीलाओं का स्मरण होता है। वहीं कथा में शामिल होने से सुखद अनुभव भी होता है। शुक्रवार को सामंतो काली मंदिर से शिव परिवार, दुर्गा मां, शीतला मां की प्रतिमाओं के साथ नगर भ्रमण किया जाएगा जो कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर संपन्न होगी। इसमें एकल विद्यालय की महिलाएं भी शामिल होंगे। अपराह्न में सुदामा चरित्र एवं हवन के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। इस अवसर पर मुख्य यजमान नवल दारूका, कुसुम दारूका के अलावा महावीर प्रसाद दारूका, सरोज देवी, मधुसूदन दारूका, माया देवी दारूका, प्रेमसूदन दारूका, दीनदयाल केडिया, प्रदीप केडिया, पवन भोजगढि़या, प्रदीप खाटुवाल, मनोज केडिया, रामरतन महर्षि, सुनील अग्रवाल, चिरकुंडा के विनोद अग्रवाल, गया के अरुण कुमार, डेहरी ऑनसोन के संतोष कुमा, राधेश्याम कुमार, विष्णुकांत कुमार, रामशरण शर्मा, भगवान दीन मिश्रा, अर¨वद कुमार शर्मा, आचार्य जीवकांत झा के अलावा कई श्रद्धालु उपस्थित थे।


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