समाज के लिए अभिशाप है बालश्रम
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम दिवस के अवसर पर बिरसा मुंडा सांस्कृति भवन में स्वंय सेवी संस्था टीडीएच भारतीय किसान संघ राष्ट्रीय झारखंड सेवा संस्थान व जागो फाउंडेशन के तत्वाधान में सपनों को साकार करें व बाल श्रम को ना कहें कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, कोडरमा: अंतरराष्ट्रीय बालश्रम उन्मूलन दिवस पर बिरसा मुंडा सांस्कृतिक भवन में स्वयंसेवी संस्था टीडीएच, भारतीय किसान संघ, राष्ट्रीय झारखंड सेवा संस्थान व जागो फाउंडेशन के तत्वावधान में सपनों को साकार करें व बालश्रम को ना कहें कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद सांसद अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आज कोडरमा के बच्चों की प्रतिभा किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। वे प्रत्येक तीन माह में एक बार बच्चों के साथ संवाद करेंगी, ताकि उन्हें नई दिशा देने का सकारात्मक पहल कर सकें। बच्चों को विधानसभा भ्रमण कराने का आश्वासन भी सांसद ने दी। कहा कि बच्चों को संसद भवन परिभ्रमण के लिए स्वीकृति लेने का वे प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि बालश्रम अभिशाप है, जिसे मिटाना समाज की जवाबदेही है। सभी को ऐसे कार्यों में आगे आने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण को लेकर किये जा रहे संस्थानों के कार्यों का सार्थक परिणाम आएगा। बालश्रम उन्मूलन के लिए बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ अभिभावकों को जागरूक करना आवश्यक है। ऐसे बच्चों में शिक्षा का अलख जलाकर ही भविष्य को सही दिशा दी जा सकती है। कोडरमा प्रमुख अनीता देवी ने कहा बच्चे देश के भविष्य हैं और उनको सुरक्षा प्रदान करना हमारी जवाबदेही है। टीडीएच के राजन मोहंती ने कहा कि टीडीएच संस्था अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर बालश्रम उन्मुलन के दिशा में देश के विभिन्न राज्यों में काम कर रहा है। वर्तमान में कोडरमा जिला एवं गिरिडीह जिला के 32 गांव में माइका क्षेत्र में कार्य करने वाले बच्चों एवं परिवार की सुरक्षा एवं शिक्षा की स्थिति को मजबूत करने हेतु कार्य कर रही है। कार्यक्रम का संचालन मनोज डांगी एवं बाल मंच के बच्चे सुलोचन कुमार और लक्ष्मी कुमारी ने किया। स्वागत भाषण भारतीय किसान संघ के समन्वयक सुनील कुमार गुप्ता ने किया।