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Lok Sabha Polls 2019: पहले थे साथ-साथ, अब करेंगे दो-दो हाथ

Lok Sabha Polls 2019. सियासत की पहेली बड़ी अबूझ है। परिस्थिति के अनुसार कैसे अपने पराये और पराये अपने हो जाएंगे यह कोई नहीं जानता।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 11:42 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 11:42 AM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: पहले थे साथ-साथ, अब करेंगे दो-दो हाथ
Lok Sabha Polls 2019: पहले थे साथ-साथ, अब करेंगे दो-दो हाथ

कोडरमा, [अनूप कुमार]। सियासत की पहेली बड़ी अबूझ है। परिस्थिति के अनुसार कैसे अपने पराये और पराये अपने हो जाएंगे, यह कोई नहीं जानता। स्वाभिमान, सिद्धांत, जमीर इसमें कोई मायने नहीं रखता। कल तक जनता की सभा में हाथ उठाकर साथ-साथ होने की बात कहनेवाले आज चुनाव मैदान में दो-दो हाथ करेंगे।

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गत 22 जनवरी को झुमरी तिलैया के प्रखंड मैदान मेें झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी की जनसभा में तत्कालीन राजद प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी और शरद यादव एक-दूसरे का हाथ पकड़कर जनता से भाजपा को उखाड़ फेंकने का आह्वान कर रहे थे, तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि तीन माह बाद होनेवाले लोकसभा चुनाव में अन्नपूर्णा ही भाजपा की तरफ से बाबूलाल के खिलाफ कोडरमा सीट से ही दो-दो हाथ करेंगी।

लेकिन इसे परिस्थिति कहें या सियासी मौकापरस्ती, आज दोनों कोडरमा के रणक्षेत्र में मुख्य मुकाबले की धुरी में हैं। तब सभा मंच से केंद्र की मोदी व राज्य की रघुवर सरकार के खिलाफ झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व अन्नपूर्णा देवी दोनों ने ही जमकर हुंकार भरी थी। सभा के बाद सभी लोग तत्कालीन राजद प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के चाराडीह स्थित आवास गए और भोजन के साथ गठबंधन की राजनीति पर चर्चा की।

लेकिन अब ढाई महीने में ही परिस्थिति ऐसी हो गई है कि मरांडी व अन्नपूर्णा दोनों एक-दूसरे के खिलाफ हुंकार भरेंगे। अन्नपूर्णा देवी लोकसभा के मैदान पहली बार होंगी, जबकि बाबूलाल मरांडी चौथी बार चुनाव लड़ेंगे। यहां से वे तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। संयोग है कि तीनों बार अन्नपूर्णा देवी किसी न किसी पार्टी के या गठबंधन के समर्थन में बाबूलाल के खिलाफ मैदान में थीं।

वर्ष 2004 में जब वे पहली बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में थे, तब अन्नपूर्णा देवी के राजद का समर्थन जेएमएम के उम्मीदवार चंपा वर्मा के साथ था। वहीं 2006 के उपचुनाव में अन्नपूर्णा देवी अपनी पार्टी राजद के साथ कांग्रेस प्रत्याशी मनोज कुमार यादव के समर्थन में थीं। वर्ष 2009 के चुनाव में राजद प्रत्याशी के रूप में प्रणव वर्मा, बाबूलाल मरांडी के खिलाफ मैदान में थे।

2014 के चुनाव में हालांकि बाबूलाल मरांडी मैदान में नहीं थे, लेकिन उनकी पार्टी झाविमो से उम्मीदवार प्रणव वर्मा और भाजपा के रवींद्र राय के खिलाफ अन्नपूर्णा देवी की पार्टी राजद का समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी के साथ था। वहीं 2019 में अन्नपूर्णा देवी बिल्कुल नए अंदाज में अपनी नई पार्टी भाजपा के साथ बाबूलाल का सामने होंगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक बदलाव पर मतदाता अपना क्या दृष्टिकोण रखते हैं।


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