Lok Sabha Polls 2019: आचार संहिता लागू होने के बाद प्रशासनिक पहल तेज
Lok Sabha Polls 2019. आदर्श आचार संहिता लगने के बाद अवैध शराब पर रोकथाम के लिए जिले में कार्रवाई तेज हो गई है। पिछले तीन दिनों में कई अवैध शराब की भठ्ठियों को ध्वस्त किया गया है।
कोडरमा, जासं। आदर्श आचार संहिता लगने के बाद अवैध शराब पर रोकथाम के लिए कार्रवाई तेज हो गई है। सभी थाना के सहयोग से अभियान चलाया जा रहा है। पिछले तीन दिनों में चार स्थानों में छापामारी कर अवैध शराब की भठ्ठियों को ध्वस्त किया गया है। वहीं आठ मामले दर्ज कर शराब कारोबार में संलिप्त चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं मामले में अन्य चार आरोपी फरार है।
उत्पाद अधीक्षक अजय गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि अवैध शराब शराब चुनाव में खलल ना डाले इसके लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। सभी थाना स्तर पर समन्वय बनाकर सूचना के आलोक में कार्रवाई की जा रही है। बिहार सीमा में शराब की तस्करी रोकने के लिए संयुक्त चेकपोस्ट में उत्पाद विभाग की भी टीम जांच करेगी। मेघातरी व सतगांवा के दर्शन नाला में दो चेकपोस्ट नवादा व कोडरमा के प्रशासनिक टीम के द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जाएगी।
वहीं जिले में कुल 9 स्थानों में चेकपोस्ट शुरू किया जा रहा है, जिसमें शामिल दल अवैध शराब की भी जांच करेगी। ऐसे मामले पाये जाने पर विभाग की टीम त्वरित कार्रवाई करेगा। वहीं जिला स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को अवैध शराब के विरूद्ध सूचना के लिए एक्टिव किया गया है। सूचना के आलोक में फौरी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अलग-अलग दल को तैयार रहने को कहा गया है।
शराब दुकानों पर भी रहेगी नजर
चुनाव को शराब प्रभावित ना करे इसके लिए सरकारी शराब दुकानों में भी नजर रखी जा रही है। सभी दुकानों को कड़ा नियमों के तहत शराब बिक्री का कड़ा निर्देश दिया गया है। एक व्यक्ति को अधिक से अधिक 750 एमएल की पांच बोतल तक ही शराब बेचने का आदेश है। बावजूद अधिक शराब बेची जाती है तो दुकान कर्मी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल एक अप्रैल से लॉटरी के तहत आवंटित की गई दुकानों के संबंध में किसी तरह का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
428 मामले अब हुए दर्ज कोडरमा
उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष अब तक अवैध शराब को लेकर 428 मामले दर्ज किये गए हैं। वहीं मामलों को लेकर 58 आरोपियों को जेल भेजा गया, जबकि 196 आरोपी फरार हैं। इसमें 140 अभियोग को संधानित किया गया है। वर्ष 2018-19 में कुल 9.44 लाख रुपया जुर्माना के रूप में वसूला गया है।