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97 की उम्र में सियासत पर पारखी नजर

चेहरे पर लटकती झुर्रियां। झुकी कमर। 97 बसंत देख चुके राजधनवार थाना क्षेत्र के ग्राम दासेडीह निवासी नथन सिंह की आंखों की रोशनी जितनी साफ है सियासत पर नजर भी उतनी ही पारखी। मानस पटल पर पुरानी यादें आज भी पूरी तरह ताजा। उम्र के इस पड़ाव पर भी आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 07:11 PM (IST)
97 की उम्र में सियासत पर पारखी नजर
97 की उम्र में सियासत पर पारखी नजर

अनूप कुमार, कोडरमा: चेहरे पर लटकती झुर्रियां। झुकी कमर। 97 बसंत देख चुके राजधनवार थाना क्षेत्र के ग्राम दासेडीह निवासी नथन सिंह की आंखों की रोशनी जितनी साफ है, सियासत पर नजर भी उतनी ही पारखी। मानस पटल पर पुरानी यादें आज भी पूरी तरह ताजा। उम्र के इस पड़ाव पर भी आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ा। लोकतंत्र पर अटूट विश्वास रखनेवाले नथन सिंह को पता है कि चुनाव का समय आ गया है। वोट डालने हैं। नथन सिंह केवल वोट डालते ही नहीं, कहते हैं वोट बर्बाद भी नहीं करना है। अच्छे काम करनेवाले को वोट देंगे। जिधर गांव के सबलोगों का झुकाव होगा, उसे ही वोट देंगे। नथन सिंह झाविमो के बाबूलाल मरांडी, भाजपा के रविद्र राय, भाकपा माले के राजकुमार यादव सभी को न केवल नाम से बल्कि इलाके में उनके कामों को भी जानते हैं और इसी आधार पर उनका मूल्यांकन भी बड़ी साफगोई से करते हैं। जात-पात से ऊपर उठकर, विकास के मुद्दे पर। उन्हें 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान क्रांति की याद है। पहली बार 1952 में वोट डाले थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी की नीतियों एवं कार्यो पर की विवेचना बड़े ही तार्किक ढंग से करते हैं। कहते हैं देश ने आज इतनी तरक्की कोई दो-चार वर्षो में नहीं की। नेहरू जी के समय से ही देश की विकास रफ्तार पकड़ चुकी थी। डोरंडा मोड़ पर नथन के बेटों की चाय-समोसे की दुकान हैं। बेटे राजू के नाम पर दुकान का नाम है राजू होटल। यहीं बैठकर वे लोगों से राजनीतिक चर्चा करते हैं। कहते हैं चुनाव के समय उनसे बाबूलाल मरांडी, रवींद्र राय, राजकुमार यादव समेत कई उम्मीदवार मिलते हैं। आशीर्वाद मांगकर वोट की अपील करते हैं। नथन कहते हैं वे किसी दल या उम्मीदवार के मुरीद नहीं है। देश, राज्य एवं इलाके की जरूरत के हिसाब से उपयुक्त प्रत्याशी को अपना वोट देते हैं। कमर व घुटने में दर्द के कारण चलने में परेशानी होती है, इसलिए परिवार के लोग उन्हें उठाकर वोट दिलाने ले जाते हैं। नथन सिंह कहते हैं अच्छी सरकार के लिए वोट सभी लोगों को जरूर डालने चाहिए।

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