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सिस्टम पर लापरवाही भारी, बिना पते के 370 शस्त्र लाइसेंसधारी

शस्त्र अनुज्ञप्ति मिलने की प्रक्रिया जितनी जटिल है उतनी ही लापरवाही इसके रिकॉर्ड संधारण के सिस्टम में है। हालात ऐसे हैं कि कोडरमा जिला में इसे जारी करनेवाले कार्यालय में करीब 370 शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों का सही पता तक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 08:00 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:34 AM (IST)
सिस्टम पर लापरवाही भारी, बिना पते के 370 शस्त्र लाइसेंसधारी
सिस्टम पर लापरवाही भारी, बिना पते के 370 शस्त्र लाइसेंसधारी

अनूप कुमार, कोडरमा: शस्त्र अनुज्ञप्ति मिलने की प्रक्रिया जितनी जटिल है, उतनी ही लापरवाही इसके रिकॉर्ड संधारण के सिस्टम में है। हालात ऐसे हैं कि कोडरमा जिला में इसे जारी करनेवाले कार्यालय में करीब 370 शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों का सही पता तक नहीं है। लोकसभा चुनाव-2019 को लेकर अनुज्ञप्तिधारियों का शस्त्र व लाइसेंस जमा करने की नियमित प्रक्रिया के तहत उपायुक्त कोडरमा के द्वारा निर्गत आदेश के अनुपालन के दौरान ऐसी समस्या विभिन्न थानों में आ रही है। उपायुक्त कार्यालय के सामान्य शाखा से जिले के विभिन्न थानों को शस्त्र जमा करने व अनुज्ञप्ति का सत्यापन का कार्य बीते 22 मार्च तक ही पूरा करने का आदेश दिया गया था। सबसे अधिक मामले झुमरीतिलैया व जयनगर थाने का है। यहीं कारण है कि समय सीमा बीत जाने के बावजूद आजतक इसका सत्यापन नहीं हो पाया है। तिलैया थाना क्षेत्र में करीब 241 में से 175 और जयनगर में 84 में से 25 का ही शस्त्र जमा व लाइसेंस का सत्यापन हो पाया है। यहां ऐसे कई लाइसेंसधारियों का पता अपूर्ण व अधूरा मिला है, जिसे खोजने में काफी परेशानी हो रही है। वहीं कई ऐसे लाइसेंसधारी भी हैं, जो जिला से लाइसेंस प्राप्त कर दूसरे जिलों में जाकर बस गए हैं और वहां अपने शस्त्र अनुज्ञप्ति का नवीकरण भी करा चुके हैं, लेकिन अनुज्ञप्ति जारी करनेवाले मूल जिला को इसकी जानकारी तक नहीं है। तीन वर्ष पूर्व शस्त्र लाइसेंसधारियों का पूर्ण ब्योरा ऑनलाइन करने के लिए सरकार द्वारा तैयार की पोर्टल एनडीएल (नेशनल डेटाबेस ऑफ आ‌र्म्स लाइसेंसेस) में अबतक जिले के 306 शस्त्र लाइसेंसधारियों का ही डेटा अपलोड हो पाया है, जबकि कोडरमा जिला से निर्गत शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों की कुल संख्या 678 है। शेष करीब 372 अनुज्ञप्तिधारियों का पता नहीं होने अथवा अपूर्ण होने के कारण इनका डेटा पोर्टल में अपलोड नहीं किया गया है। जिला शस्त्र दंडाधिकारी के स्तर के विभिन्न थानों को ऐसे लाइसेंसधारियों के पता का सत्यापन हेतू पत्र भेजा गया है। वहीं कार्यालय स्तर से भी ऐसे अनुज्ञप्तिधारियों को नोटिस भेजकर लाइसेंस सरेंडर करने को कहा गया है, लेकिन अधिकतर मामलों में लाइसेंसधारी टर्नअप नहीं हो रहे हैं। बताया जाता है कि इनमें से कई लाइसेंसधारी की मौत हो चुकी है, तो कई स्थानांतरित होकर दूसरे शहरों में बस गए हैं। वहीं करीब 100 लोगों ने आ‌र्म्स एक्ट की धारा 21 के तहत झुमरीतिलैया के आ‌र्म्स डीलर एनसी दॉ एंड कंपनी में अपने शस्त्र जमा कर दिये हैं। यहां भी पिछले 30-40 वर्षों से कई लोग अपना शस्त्र जमा कर लापता हैं। इनमें जिले के पुराने माइका कंपनी सीएमआई लिमिटेड के 41 डीबीबीएल और एसबीबीएल गन 1978 से जमा हैं, जिसका अबतक कोई दावा करनेवाला नहीं आया है।

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इनमें से कुछ एककीकृत हजारीबाग जिला के समय हजारीबाग से निर्गत किए गए थे। 10 अप्रैल 1994 को हजारीबाग से अलग होकर कोडरमा जिला बनने के बाद यहां के शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों को ब्योरा कोडरमा जिला को भेज दिया गया। छानबीन के क्रम में एक ऐसा भी मामला सामने आया है जिसमें सतगांवा निवासी एकरामुल हक ने अपने पिता अशरफ अली के नाम से निर्गत लाइसेंस व शस्त्र को 1997 में ही बिहार के नवादा जिला के आ‌र्म्स मजिस्ट्रेट के यहां सरेंडर कर दिया था। :::::::::: क्या कहते हैं डीसी :::::::::::::::::

मामले मेरे संज्ञान में है। कई लोगों का पता अपूर्ण है, तो कुछ लोग जिले से स्थानांतरित होकर चले गए हैं। सत्यापन के पश्चात ऐसे लाइसेंसधारियोंके मामले में कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह, डीसी कोडरमा।


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