ग्रामीणों ने किया भारतमाला परियोजना का विरोध
आदिवासी-मूलवासी जमीन बचाओ संघर्ष समिति कर्रा के बैनर तले गुरुवार को प्रखंड के कोने बाजारटांड़ में फागू उरांव की अध्यक्षता में भारतमाला परियोजना के विरोध को लेकर दर्जनों गांवों के ग्रामीणों की संयुक्त बैठक की गई।
कर्रा : आदिवासी-मूलवासी जमीन बचाओ संघर्ष समिति, कर्रा के बैनर तले गुरुवार को प्रखंड के कोने बाजारटांड़ में फागू उरांव की अध्यक्षता में भारतमाला परियोजना के विरोध को लेकर दर्जनों गांवों के ग्रामीणों की संयुक्त बैठक की गई। बैठक में भारतमाला परियोजना लिए अधिकृत जमीन का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि कर्रा प्रखंड के अंतर्गत भारतमाला परियोजना में कुल 40 राजस्व गांवों की करीब 700 एकड़ कृषि योग्य भूमि अधिगृहित की जा रही है। इससे हजारों परिवारों की आजीविका खतरे में आ गई है।
ग्रामीणों ने कहा कि हमारे पूर्वज वर्षों से जिस जमीन पर खेती कर परिवार का भरण-पोषण करते आए हैं, उसे हम किसी भी हाल में भारतमाला परियोजना में जाने नहीं देंगे। जमीन नहीं रहने से हमारी आने वाली पीढ़ी के समक्ष भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो जाएगी। सरकार इस योजना को वापस ले नहीं तो सभी गांवों के ग्रामीण संगठित होकर उग्र आंदोलन करेंगे। भारतमाला परियोजना के विरोध में कर्रा प्रखंड में 10 से अधिक स्थानों पर बैठक की जा चुकी है और सभी गांवों के ग्रामीण जमीन नहीं देने का निर्णय ले चुके हैं। बैठक को अर्जुन खलखो, गैब्रियल धान, नवीन तिर्की व फुलजेम्स खलखो ने संबोधित किया। बैठक का संचालन फ्रैंकलेन धान ने किया। बैठक में मुख्य रूप से नाहोन मुंडा, सुलेमान मुंडा, मंगल पहान, फगनी मुंडा, बुधनी मुंडा, सोमरा मुंडा, भोसा मुंडा, मंगरा मुंडा, तेम्बा उरांव, चम्पु मुंडाईन, पुनिया मुंडा, धूमा मुंडा, बिरसा मुंडा, फूलो मुंडा व बसंती मुंडा समेत कोने, रोलागुटू, तपेसारा, मेहा, लोटा, हसबेड़ा, कुदा, कच्चाबारी व चंदापारा सहित दर्जनों गांवों के ग्रामीण उपस्थित थे।