Move to Jagran APP

पत्थलगड़ी का कई गांवों में विरोध, विकास योजनाओं से जुड़ेंगे ग्रामीण

ग्रामीणों ने कहा कि बगैर हम लोगों को सूचना दिए इस गांव में पत्थर गाड़ दिया गया है। इसकी हम लोगों को कोई जानकारी नहीं है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 11:43 AM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 11:43 AM (IST)
पत्थलगड़ी का कई गांवों में विरोध, विकास योजनाओं से जुड़ेंगे ग्रामीण
पत्थलगड़ी का कई गांवों में विरोध, विकास योजनाओं से जुड़ेंगे ग्रामीण

जागरण संवाददाता, खूंटी। झारखंड के खूंटी की कुछ जगहों पर भारत का संविधान अंकित कर गाड़े गए पत्थर को उखाड़ने को लेकर ग्रामीण एकजुट हो रहे हैं। गांव में सरकारी योजनाएं नहीं पहुंचने से कई गांव के ग्रामीण इस पत्थर को उखाड़ने का भी फैसला ले चुके हैं। इसी क्रम में सदर प्रखंड क्षेत्र के सेनेगुटू गांव के सीमा पर भारत का संविधान अंकित कर गाडे़ गए पत्थर को ग्रामसभा से गुरुवार को उखाड़ने की बात हुई थी। पर, ग्रामसभा में तीन गांवों के ग्रामीणों के नहीं जुटने पर गुरुवार को पत्थर उखाड़ा नहीं गया।

prime article banner

सेनेगुटू के रोंबा गुडि़या, कुशा पाहन, पुति पाहन, शिवचरण स्वांसी आदि ग्रामीणों ने कहा कि बगैर हम लोगों को सूचना दिए इस गांव में पत्थर गाड़ दिया गया है। इसकी हम लोगों को कोई जानकारी नहीं है। हम सरकार की विकास योजनाओं से जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गुरुवार को गांव में ग्रामसभा का आयोजन होता है। ग्रामसभा में ही गांव के सीमाने पर गाड़े गए पत्थर को उखाड़ने पर चर्चा होनी थी, लेकिन तीन गांव के ग्रामीणों के नहीं जुटने पर यह फैसला नहीं हो पाया। आने वाले गुरुवार को ग्रामसभा में इस बात की चर्चा होगी। उसके बाद ही हम लोग पत्थर का उखाड़ेंगे।

घाघरा का स्कूल खुला, दूसरे शिक्षकों की हुई प्रतिनियुक्ति

दैनिक जागरण में गुरुवार के अंक में घाघरा में छह दिनों से स्कूल बंद, शिक्षक फरार, पढ़ाई बाधित शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद गुरुवार को शिक्षा विभाग ने पहल करते हुए घाघरा में दो शिक्षकों को पदस्थापित कर दिया है। प्रतिनियुक्त शिक्षकों में साधूचरण मुंडा और अलबीना टूटी हैं। इससे पहले साधूचरण मुंडा उत्क्रमित विद्यालय चालम में और अलबीना टूटी उत्क्रमित विद्यालय खटंगा में पदस्थापित थीं। घाघरा विद्यालय में पदस्थापित दोनों शिक्षक पिछले कई दिनों से स्कूल नहीं आ रहे थे।

इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। जिला शिक्षा अधीक्षक सुरेशचंद्र घोष ने कहा कि घाघरा में पदस्थापित दोनों शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की की गई है। वे लोग पिछले छह दिनों से विद्यालय नहीं पहुंच रहे थे। दोनों ने विभाग को भी कोई सूचना नहीं दी थी। घाघरा में पुलिस व पत्थलगड़ी समर्थकों के बीच पिछले 27 जून को झड़प हुई थी। उस घटना के बाद विद्यालय में पदस्थापित दोनों शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.