अपने बच्चों को शिक्षित करे आदिवासी समाज
प्रकृति के बीच रहने वाले प्रकृति पूजक आदिवासियों को संविधान में विशेष अधिकार दिए गए हैं। संविधान द्वारा प्रदत्त संवैधानिक लाभ लेने के लिए आदिवासियों को जागरूक और शिक्षित बनना होगा।
खूंटी : प्रकृति के बीच रहने वाले प्रकृति पूजक आदिवासियों को संविधान में विशेष अधिकार दिए गए हैं। संविधान द्वारा प्रदत्त संवैधानिक लाभ लेने के लिए आदिवासियों को जागरूक और शिक्षित बनना होगा। यह बातें जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अर्जुन मुंडा ने कहीं। वे सोमवार को खूंटी प्रखंड के आदिवासी बहुल भूत गांव में आयोजित टुसू मेला में बतौर मुख्य अतिथि ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वर्तमान परिवेश में शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा के बिना विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने अपने मंत्रालय द्वारा आदिवासियों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए आदिवासियों से अपील की कि वे अपने बच्चों को अवश्य पढ़ाएं और समाज व राष्ट्र के विकास में बहुमूल्य योगदान देते हुए यह दिखा दे कि आदिवासी किसी से कम नहीं। उनके मंत्रालय ने देश में स्कूल जा रहे 64 लाख आदिवासी बच्चों का डाटा तैयार किया है। डाटा के माध्यम से उन पर यह नजर रखी जाएगी कि उनकी पढ़ाई बीच में ही तो नहीं छूट जा रही। स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ने वाले आदिवासी बच्चों से संपर्क स्थापित कर पढ़ाई छूटने के कारणों का पता लगाकर उन्हें आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसी प्रकार उनके मंत्रालय के माध्यम से 45 सौ आदिवासी बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने आदिवासियों से अपनी सांस्कृतिक विरासत व पहचान को बरकरार रखते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ने की अपील की। इससे पूर्व भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री जगन्नाथ मुंडा तथा पूर्व जिप सदस्य भीम सिंह मुंडा ने भी सभा को संबोधित किया। सभा का संचालन प्रकाश टूटी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन मरंगहादा पंचायत के पूर्व मुखिया प्रेमचंद मुंडा ने दिया। समारोह में नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मदिराय मुंडा, प्रखंड प्रमुख रुकमिला देवी, उप प्रमुख जितेंद्र कश्यप, मारंगहादा पंचायत की मुखिया बहालेन पूर्ति, भाजपा नेता परमेश्वर प्रसाद, सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष लीलू पाहन, प्रदीप राम आदि उपस्थित थे।
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ढोल बजा कर किया उत्साहवर्धन
समारोह के बाद मेला में आए आदिवासी नृत्य दलों की मंडलियों के आग्रह पर अर्जुन मुंडा मंच से नीचे उतरे और उनके साथ ढोल बजा कर उनका उत्साहवर्धन किया। अर्जुन मुंडा द्वारा ढोल बजाए जाने से नृत्य मंडली की आदिवासी महिलाएं व सदस्य उल्लासित हो उठे और आपस में जुड़कर सामूहिक नृत्य करने लगे।
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पारंपरिक रीति से किया गया स्वागत
अर्जुन मुंडा करीब ढाई बजे जब भूत गांव पहुंचे तो प्रेमचंद मुंडा के नेतृत्व में पहले से उनके स्वागत में कतारबद्ध खड़े ग्रामीणों ने उनका परंपरागत रूप से स्वागत किया। गांव की महिलाओं ने आम पल्लव से जल छिड़काव कर गांव में उनका अभिनंदन किया। इसके बाद पैदल ही उन्हें नाचते-गाते मेला स्थल तक ले गए। इस दौरान लगभग आधा दर्जन आदिवासी नृत्य दलों की मंडलियां शामिल होकर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर पारंपरिक नाच-गान कर रहे थे।
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मेला में शामिल होकर ग्रामीणों ने मनाया टुसू
सोमवार को भूत गांव के प्रसिद्ध टुसू मेला में आसपास के अनेक गांव से ग्रामीण शामिल हुए और मेले का आनंद उठाया। मेला में विभिन्न गांव से 15 से अधिक आकर्षक व सुंदर चौडल लाए गए थे। चौड़ल की ऊंचाई 50 फुट से भी अधिक थी। ऊंचे-ऊंचे चौडल मेला की रौनक बढ़ा रहे थे। इसके साथ ही मेला में एक दर्जन से अधिक आदिवासी नृत्य दल की मंडलियां अपने पारंपरिक वेशभूषा में पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर सामूहिक गीत नृत्य प्रस्तुत कर रहे थे।