विरासत में मिली है हमें समृद्ध संस्कृति
तोरपा: सरना मसना स्थल में हड़गड़ी पूजा कर अपने मृत पुरखों, परिजनों को याद किया गया। रविवार
तोरपा: सरना मसना स्थल में हड़गड़ी पूजा कर अपने मृत पुरखों, परिजनों को याद किया गया। रविवार को प्रखंड के कालेट गांव सहित आसपास के कई क्षेत्रों में सरना धर्मावलंबियों ने मसना, हड़गड़ी, पत्थरगड़ी की पूजा कर अपने अपने पुरखों को याद किया गया। परिजनों को याद करते हुए कालेट में सरना धर्म की महिलाओं ने अपने रीति-रिवाज के साथ पत्थरगड़ी व हड़गड़ी पर तेल, सिंदूर टीका, डिबूं तपावन के साथ पुष्प अर्पित किया व उनके नाम पर झड़ा लगाकर उन्हें याद किया। इस दौरान ढोल, नगाड़ों, शहनाई, मादर व झडों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान हातु मुंडा बुदा ने कहा कि पूर्वजों ने हमें विरासत में अमूल्य संपत्ति, संस्कृति छोड़ कर चले गए हैं। ये हमारे लिए बहुत की गर्व की बात है कि पूर्वजों को याद कर ही उनके आत्मा को शाति मिलेगी। उनके नाम की की गई पत्थलगड़ी का पत्थर न धूप में और न ही बरसात में गलेगा। मसीह गुड़िया ने कहा कि पवित्र सरना मसना स्थल हम सब के पूर्वजों का स्थायी निवास है। मौके पर धानी पाहन, बिरसा पाहन, मसीह गुड़िया, सोहराय पाहन, सुमित गुड़िया सहित कई लोग उपस्थित थे।