मारांग गोमके के सपनों को साकार करेगी राज्य सरकार : डा. रामेश्वर उरांव
इतिहासकारों ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा को कम स्थान दिया है। आदिवासियों की बुलंद आवाज और आजादी के पहले झारखंड अलग राज्य की आवाज उठाने वाले जयपाल सिंह मुंडा के सपनों को साकार करेगी राज्य सरकार। उक्त बातें राज्य के वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहीं। रविवार को मरांग गोमके की 118वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने टकरा पहुंचे मंत्री ने कहा कि वर्तमान का झारखंड अलग राज्य मरांग गोमके की राजनीतिक धारणा का प्रतिफल है।
खूंटी : इतिहासकारों ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा को कम स्थान दिया है। आदिवासियों की बुलंद आवाज और आजादी के पहले झारखंड अलग राज्य की आवाज उठाने वाले जयपाल सिंह मुंडा के सपनों को साकार करेगी राज्य सरकार। उक्त बातें राज्य के वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहीं। रविवार को मरांग गोमके की 118वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने टकरा पहुंचे मंत्री ने कहा कि वर्तमान का झारखंड अलग राज्य मरांग गोमके की राजनीतिक धारणा का प्रतिफल है। झारखंड अलग राज्य का सपना जयपाल सिंह मुंडा का था, जिसे साकार करने में दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सराहनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा जैसे महान विभूति के सपनों को हेमंत सरकार पूरी करेगी।
मौके पर राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा ही पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने कहा था कि मैं आदिवासी हूं, इसका मुझे गर्व है। आदिवासियों की आवाज को बुलंद करने वाले मरांग गोमके के गांव और क्षेत्र के विकास के सपनों को वर्तमान झारखंड सरकार अमलीजामा पहनाने का काम करेगी। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि टकरा झारखंड अलग राज्य आंदोलन का उद्गमस्थल है। जयपाल सिंह मुंडा के कारण ही झारखंड अलग राज्य का आंदोलन आजादी के आंदोलन से पूर्व का आंदोलन कहलाता है। झारखंड अलग राज्य में 17 वर्षों तक राज करने वालों ने इस महान स्थल को हासिये पर रखा था। जयपाल सिंह की सोच और विचार ही झारखंड की धुरी हैं। इसी को ध्यान में रखकर विकास का कार्य किया जाएगा। उनके साथ पूर्व मंत्री केशव महतो कमलेश, काली चरण सिंह मुंडा समेत कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।
सबसे पहले राज्य सरकार के मंत्री डा. रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख कांग्रेस नेता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व मंत्री केशव महतो कमलेश समेत अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ टकरा पहुंचे। मरांग गोमके की कब्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद सभी उनके जन्म स्थल पर गए और खंडहर बन चुके मकान को ऐतिहासिक रूप से उभारने की बात कही। मौके पर मरांग गोमके के पुत्र जयंत जयपाल सिंह मुंडा ने मकान को म्यूजियम और अखड़ा का रूप देने की बात कही।