Lok Sabha Polls 2019: सर्वे से आगे नहीं बढ़ सकी खूंटी में रेलवे लाइन
Lok Sabha Polls 2019. भगवान बिरसा की भूमि खूंटी रेल सुविधाओं से वंचित है। यहां के लोग ट्रेन पकडऩे के लिए हटिया या रांची रेलवे स्टेशन जाते हैं।
खूंटी, जागरण संवाददाता। भगवान बिरसा की भूमि खूंटी रेल सुविधाओं से वंचित है। यहां के लोग ट्रेन पकडऩे के लिए हटिया या रांची रेलवे स्टेशन जाते हैं। केंद्र सरकार ने लोधमा, खूंटी वाया तमाड़ 120 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने की घोषणा की थी। इसके लिए सांसद कडिय़ा मुंडा ने भी पहल की, लेकिन इस दिशा में काम सर्वे से आगे नहीं बढ़ सका।
लोधमा-कांड्रा वाया खूंटी-तमाड़ रेल लाइन बनने से रांची से जमशेदपुर की दूरी 100 किलोमीटर कम हो जाएगी। खूंटी में रेलवे लाइन यहां के लिए वर्षों से बड़ा मुद्दा बना हुआ है। यहां रेल लाइन बिछाने के लिए समय-समय पर मांग उठती रही है। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने खूंटी को रेल मार्ग से जोडऩे की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया था।
क्षेत्र के लोगों की भावनाओं के साथ सांसद कडिय़ा मुंडा ने चैंबर प्रतिनिधियों संग रेल मंत्री से दिल्ली में मुलाकात की थी। रेलमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए सर्वे कराने का आश्वासन दिया था। रेलवे बोर्ड द्वारा भेजी गई सर्वे रिपोर्ट को मंत्रालय ने स्वीकृति भी दे दी थी। इसके बाद खूंटी में जश्न मनाया गया। भगत सिंह चौक पर लोगों ने अबीर-गुलाल उड़ाया और आतिशबाजी की।
लेकिन, इसके बाद रेलवे कार्य एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका। खूंटी में रेलवे स्टेशन नहीं होने के कारण यहां के लोगों को ट्रेन पकडऩे के लिए हटिया या फिर रांची जाना पड़ता है। इससे पैसे भी अधिक खर्च होते हैं, साथ ही लोगों के समय की बर्बादी भी होती है। रांची जाने में अक्सर जाम का कहर झेलना पड़ता है। रेलवे स्टेशन नहीं होने से इसका सीधा असर खूंटी के विकास पर पड़ता है लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है।
खूंटी में रेलवे स्टेशन बनने से यहां के लोगों को रोजगार मिलता। बाजार का भी विकास होता। किसी भी क्षेत्र के लिए रेलवे लाइन विकास का बहुत बड़ा आधार होता है। यदि यहां रेलवे स्टेशन बनाने में देर है तो तत्काल यहां के लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कर्रा स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव देना चाहिए। अभी यहां मात्र कुछ लोकल ट्रेनें ही रुकती हैं। -अनूप कुमार साहू, वार्ड पार्षद, खूंटी।
खूंटी में रेलवे लाइन की सुविधा यहां के लोगों के लिए वर्षों से सपना बना हुआ है। काम नहीं मिलने के कारण क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग पलायन करते हैं। इनमें युवाओं की संख्या अधिक होती है। रेलवे लाइन बनने से रोजगार का सृजन होगा। बहुत हद तक पलायन पर रोक लगेगी। लोगों को यदि बाहर जाना होता है तो रांची से ट्रेन पकडऩा उनकी मजबूरी बन जाती है। - केके मांझी, खूंटी।
खूंटी में रेल लाइन होने से व्यवसायियों को भी पूरा लाभ मिलेगा। रेलवे से माल मंगाने से कम खर्च पड़ेगा। इसका लाभ आम उपभोक्ताओं को परोक्ष रूप से मिलेगा। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता भी खुलेगा। कई परीक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को सरकार की ओर से रेल किराया में छूट मिलती है। लेकिन इसका लाभ लेने के लिए रांची जाने पर युवाओं को नुकसान होता है। -शहनवाज अंसारी, युवा व्यवसायी।
रेलवे लाइन बनाने के लिए सांसद कडिय़ा मुंडा की ओर से कई बार पहल की गई। रांची में प्रभावित क्षेत्र के कई सांसदों ने एक साथ बैठक कर मामले की गंभीरता से विभाग को अवगत कराया। रेलवे द्वारा सर्वे का काम किया गया है। राच्य सरकार को एनओसी देना है। रेलवे यहां के लोगों की जरूरत है। इस दिशा में काम तो होना ही चाहिए। -मनोज कुमार, सांसद प्रतिनिधि।