प्रशासनिक चूक का नतीजा है पत्थलगड़ी: प्रदीप बलमुचू
प्रदीप बलमुचू ने कहा कि वर्तमान में जो पत्थलगड़ी हो रही है उसमें प्रशासनिक चूक के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।
जासं, खूंटी। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने कहा कि पत्थलगड़ी आदिवासियों की पुरानी परंपरा रही है। अलग-अलग मौकों पर आदिवासी पत्थलगड़ी करते आ रहे हैं। वर्तमान में जो पत्थलगड़ी हो रही है, वो अलग तरह की नजर आ रही है। इसमें कहीं न कहीं ये लोग अपनी समानांतर सरकार बना रहे हैं। इसका जिम्मेदार यहां का प्रशासन और राज्य सरकार है। वे रविवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो पत्थलगड़ी हो रही है उसमें प्रशासनिक चूक के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। आज प्रशासन के लोग गांव जा रहे हैं, तो गांव वालों को कोई एतराज नहीं हो रहा है, लेकिन पुलिस जा रही है तो उसे घेरने का काम किया जाता है। पुलिस के प्रति ग्रामीणों का कहीं-न कहीं दूसरा नजरिया है। उन्होंने कहा कि लोगों में कहीं-न कहीं प्रशासन के प्रति आक्रोश है। अभी बैंक खुलने की बात हो रही है। कल को यहां पर अलग राज्य चलाने की बात होगी। सरकार की नाकामयाबी का यह नतीजा है। आखिर 70 सालों बाद ऐसी परिस्थिति क्यों उत्पन्न हुई है।
कांग्रेस ने इतने साल शासन किया, कभी भी ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी। लोगों में प्रशासन और सरकार के प्रति गुस्सा है। इसमें सरकार को उन लोगों से बातचीत करनी चाहिए, तभी मामला सुलझ सकता है। हम सभी को इस मामले को सुलझाने के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामसभा को सशक्त किया जाना चाहिए यह मेरा भी मानना है। यह पुरानी परंपरा है। प्रशासन को उसी परंपरा का उपयोग करना चाहिए।