Lok Sabha Polls 2019: हे अर्जुन, यह रणक्षेत्र है, यहां रणनीति की बात करो
Lok Sabha Polls 2019. खूंटी के महाभारत में महान योद्धा अर्जुन भटक जा रहे हैं। बाद में पितामह उन्हें समझाते हैं- हे अर्जुन यह रणक्षेत्र है।
खूंटी, [कंचन कुमार]। खूंटी के महाभारत में महान योद्धा अर्जुन भटक जा रहे हैं। बाद में पितामह उन्हें समझाते हैं- हे अर्जुन, यह रणक्षेत्र है। यहां शास्त्र की नहीं, सीधे रणनीति की बातें करो। खूंटी में महान धनुर्धर अर्जुन के समर्थक काफी संख्या में जुटे हैं। जंग जीतने पर मंत्रणा की जा रही है। लेकिन यह क्या! महान धनुर्धर यहां अपने लोगों को ललकारने की जगह उनसे सिर्फ शास्त्र एवं साहित्य की बातें कर रहे हैं।
इतने गूढ़ ज्ञान दे रहे कि समर्थकों को भी चक्कर आ रहा। वे कंफ्यूज हो रहे हैं। समझ में नहीं आ रहा कि किस डायलॉग पर ताली बजाना है और कहां मौन रहना है। महान धनुर्धर के सिपहसालारों को बताना पड़ रहा है- कितनी अच्छी बातें अर्जुन भइया ने कहीं, ठोको ताली। कार्यक्रम खत्म होने के बाद अर्जुन ज्ञान लेने पितामह के पास पहुंचते हैं।
वे मंच पर नहीं थे। पीछे बेंच पर बैठे थे। पितामह धनुर्धर को समझाते हैं- अपने ही राजाजी को देखो न, गुजरात में गरबा एवं पंजाब जाने पर भांगड़ा में भाग लेते हैं। कोलकाता में बांग्ला से तो झारखंड में जोहार बोलकर अपना संबोधन शुरू करते हैं। इससे अपनत्व आता है।
अभी साहित्य पढ़ाने का समय नहीं है। सीधे रणनीति का ज्ञान दो। शास्त्र बताने के लिए बहुत सारे मंच मिलेंगे। यहां तो जिस भाषा में लोग ज्यादा से ज्यादा समझ सकते हैं, उसी में बात करो। समय कम है। विरोधी इस गूढ़ को समझ गए हैं।