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जमीन मापी में पैसे नहीं दिए तो सामाजिक बहिष्कार का फरमान

तोरपा प्रखंड अंतर्गत तपकरा थाना क्षेत्र के डिगरी गांव में एक परिवार का अपने ही समुदाय के लोगों द्वारा सामाजिक बहिष्कार करने का मामला सामने आया। मामले की जानकारी होने पर उपायुक्त शशि रंजन ने तोरपा अंचलाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी का गठन कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 07:42 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 06:22 AM (IST)
जमीन मापी में पैसे नहीं दिए तो सामाजिक बहिष्कार का फरमान
जमीन मापी में पैसे नहीं दिए तो सामाजिक बहिष्कार का फरमान

तोरपा : तोरपा प्रखंड अंतर्गत तपकरा थाना क्षेत्र के डिगरी गांव में एक परिवार का अपने ही समुदाय के लोगों द्वारा सामाजिक बहिष्कार करने का मामला सामने आया। मामले की जानकारी होने पर उपायुक्त शशि रंजन ने तोरपा अंचलाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी का गठन कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। शुक्रवार को जांच कमेटी डिगरी गांव पहुंची। कमेटी ने भुक्तभोगी परिवार तथा ग्रामीणों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया।

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जांच कमेटी के समक्ष बहिष्कृत किए गए परिवार के राजकमल साहू ने बताया कि दो दिन पूर्व गांव की ही एक दुकान में मेरे बेटे को बिस्कुट देने से मना कर दिया गया था, क्योंकि कुछ दिनों पूर्व जमीन मापी के दौरान बिन बुलाए पंच को उसने खर्चा-पानी नहीं दिया था। इस कारण परिवार वालों को गांव में समुदाय के किसी भी व्यक्ति से बातचीत करने एवं सामाजिक गतिविधि में शामिल होने पर जुर्माना देना होगा, ये फरमान सुनाया गया था। राजकमल ने बताया कि कुछ दिन पहले अमीन को बुलाकर अपनी जमीन की मापी करवा रहे थे। इसी दौरान बगैर बुलाए पंच वहां आ धमके। शाम हुई तो पंच के सदस्यों ने खर्चा-पानी देने की मांग रखी तथा कहा कि कोई भी दुकानदार अगर हम लोगों को समान देता है, तो उसके ऊपर समाज के लोग जुर्माना लगा देंगे। इस डर से कोई भी हमें सामान नहीं दे रहा है। वहीं, राजकमल की पत्नी संजुती देवी का कहना है कि उसके परिवार को समाज के विवाद में फंसाकर बहिष्कृत कर दिया गया है। मेरे बच्चे को दुकान से सामान नहीं दे रहे हैं। समाज के दंड के भय से कोई भी ग्रामीण हम लोगों से बात नहीं कर रहा है। वहीं, इस संबंध में ग्रामीणों ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि बहुत पहले गांव में तेली समाज का गठन किया गया था। इसमें सर्वसम्मति से दीनानाथ साहू को अध्यक्ष तथा राजकमल को कोषाध्यक्ष चुना गया था।

कुछ दिनों पूर्व एक जमीन की मापी की फीस के रूप में राजकमल से एक हजार रुपये की मांग की गई थी, जिसे राजकमल ने देने से मना कर दिया था। वहीं, दूसरे पक्ष ने अपनी एक हजार फीस जमा कर दी थी। इस पर राजकमल ने अपनी मर्जी से कोषाध्यक्ष पद को छोड़ दिया और कहा कि मुझे किसी सामाजिक संगठन में नहीं रहना है। वहीं, समाज के अध्यक्ष दीनानाथ साहू ने बताया कि आज तक किसी को समाज से बहिष्कृत करने का निर्णय नहीं लिया है और न इस तरह की कभी बात होगी। राजकमल ने खुद अपनी मर्जी से पद को छोड़ दिया और कहा कि मुझे किसी समाज में नहीं रहना है। वहीं समाज के संरक्षक घासीराम गंझू ने कहा कि राजकमल हमेशा गांव में जमीन को लेकर विवाद खड़ा करते रहता है।

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कोई भी समाज या संगठन किसी का बहिष्कार नहीं कर सकता है। कानून ने किसी को इस प्रकार का फैसला लेने का हक नहीं दिया है। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

-आशीष मंडल, अंचलाधिकारी, तोरपा

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इस प्रकार का विवाद सभ्य समाज का नहीं हो सकता है। अगर इस प्रकार का कोई फैसला लिया भी है, तो उसे अपने मन से हटा दें और जो भी विवाद है उसे भुलाकर सभी लोग गांव में मिल-जुल कर रहें।

-उमाशंकर, तपकरा थाना प्रभारी


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