झारखंड में पत्थलगड़ी समर्थकों के पक्ष में उतरे माओवादी, पोस्टर चिपकाया
खूंटी के अड़की में माओवादियों ने पत्थलगड़ी का समर्थन करते हुए पोस्टरबाजी की।
जागरण संवाददाता, खूंटी। झारखंड के खूटी में पत्थलगड़ी समर्थकों व माओवादियों व उग्रवादियों की साठ गांठ की पोल खुलने लगी है। अब तक यह खेल गुपचुप तरीके से चल रहा था, अब माओवादी खुलकर सामने आने लगे हैं। मंगलवार की रात खूंटी के अड़की में माओवादियों ने पत्थलगड़ी का समर्थन करते हुए पोस्टरबाजी की। उन्होंने पत्थलगड़ी को सही ठहराया है। साथ ही कोचांग दुष्कर्म कांड में पत्थलगड़ी समर्थकों को शामिल करने को माओवादियों ने साजिश बताया।
इससे पूर्व पत्थलगड़ी समर्थकों और उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) का तालमेल उजागर हो चुका है। पुलिस के अनुसार कोचांग में जिन पांच युवतियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था उस घटना को पीएलएफआइ उग्रवादियों अंजाम दिया था। पत्थलगड़ी समर्थकों ने उग्रवादियों को उकसाकर इस घटना को अंजाम दिलाया था। इस मामले में पत्थलगड़ी के नेता जॉन जुनास तिडू और बलराम सामद को गिरफ्तार कर लिया है।
उग्रवादियों ने अड़की थाना क्षेत्र के हेमरोम, सरेगहातू इंतनींजन और अड़की गांव में बैनर और पोस्टर चिपकाया। बुधवार अल सुबह जब ग्रामीणों की नजर इस पर पड़ी। झारखंड रिजनल कमेटी भाकपा-माओवादी द्वारा जारी पोस्टर में पत्थलगड़ी आंदोलन को जायज बताया है।
कई गांवों में पत्थलगड़ी को हटाने पर आज लिया जा सकता है निर्णय
जिले के चितरामू गांव के बाद अब दूसरे गांवों में भी पत्थलगड़ी को हटाने की तैयारी हो रही है। गुरुवार को कई गांवों में होनेवाली ग्रामसभा में इसपर विशेष रूप से चर्चा होगी। चितरामू गांव की ग्रामसभा द्वारा संविधान विरोधी पत्थर उखाड़ने के बाद से जिला प्रशासन ने विकास के द्वार उस गांव के लिए खोल दिया है। वहां के प्राथमिक विद्यालय की व्यवस्था में सुधार हो गया है। यहीं नहीं स्मार्ट बोर्ड से पढ़ाने की तैयारी चल रही है। गांव में दो सोलर वाटर पंप लगा दिए गए हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन आदि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ चितरामू गांव के ग्रामीणों को उपलब्ध करा दिया गया है। चितरामू गांव में हो रहे विकास कार्यों को देखते हुए उसके आसपास के गांव में भी पत्थलगड़ उखाड़ने की तैयारी चल रही है। गुरुवार को सेनेगुटू, भंडरा, गनेओर, बासडीह, चुकरू, कोटांग, करगे, पोटामगड़ा, सपारोप आदि गांवों में ग्रामसभा होनी है। चुकरू गांव के ग्रामीणों ने कहा कि चितरामू की ग्रामसभा ने पत्थर उखाड़ कर बहुत बड़ा काम किया है। हमारे गांव में भी ऐसा होना चाहिए।