झारखंड में अब माओवादियों ने संभाली पत्थलगड़ी की कमान
यूसुफ पूर्ति को पकड़ने के लिए पुलिस कोचांग से लेकर कुरूंगा तक जाल बिछाए है। गांव-गांव में पुलिस ने अपने एसपीओ भी बना रखे हैं।
खूंटी, प्रेम किशोर। पत्थलगड़ी कराने वाले कई प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी के बाद अब माओवादियों ने खुलकर मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने अब तक फरार चल रहे पत्थलगड़ी के मास्टरमाइंड यूसुफ पूर्ति को सामने रखकर पत्थलगड़ी अभियान को गति देनी शुरू कर दी है। इसके लिए पूर्ति व माओवादियों के समर्थक जगह-जगह पोस्टर चस्पा कर रहे हैं, गांव-गांव संदेशवाहक भेज रहे हैं। पुलिस को किसी भी तरह का सहयोग न करने की हिदायत देते हुए ग्रामीणों को चेतावनी दी गई है कि जो ऐसा करेगा, उसे जान से हाथ धोना पड़ेगा।
गौरतलब है कि यूसुफ पूर्ति को पकड़ने के लिए पुलिस कोचांग से लेकर कुरूंगा तक जाल बिछाए है। गांव-गांव में पुलिस ने अपने एसपीओ भी बना रखे हैं। इसके बावजूद पुलिस को यूसुफ और उसके समर्थकों की सही लोकेशन नहीं मिली है। इससे पहले गिरफ्तार पत्थलगड़ी के अन्य नेता जॉन जुनास तिडू और बलराम समद की निशानदेही पर पुलिस ने यूसुफ को ढूंढने के लिए कई जगहों पर छापेमारी की है।
सूत्रों की मानें तो राज्य की स्पेशल पुलिस टीम गुजरात, महाराष्ट्र और कोलकाता में भी कई ठिकानों पर उसकी तलाश में छापेमारी कर चुकी है। वहीं, खूंटी-सरायकेला सीमा क्षेत्र में रहकर यूसुफ माओवादियों के साथ मिलकर पत्थलगड़ी आंदोलन को आगे बढ़ा रहा है। माओवादियों के साथ मिलकर अड़की, मुरहू और खूंटी के कई क्षेत्रों में पोस्टर चस्पा करा रहा है।
अपनी जान बचाकर भाग रहा पूर्ति ग्रामीणों को दे रहा जान से मारने की धमकी
पुलिस की तेज होती कार्रवाई के बीच अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागता फिर रहा यूसुफ पूर्ति गांवों में अपने गुर्गे भेजकर पत्थलगड़ी आंदोलन को आगे बढ़ाने का संदेश दे रहा है। कुरूंगा-कोचांग क्षेत्र में पुलिस को थाने के लिए जमीन देने के लिए भी ग्रामीणों को मना कर रहा है। पूर्ति ने धमकी दी है कि जो भी थानेके लिए जमीन देगा उसे मार दिया जाएगा।
माओवादी पोस्टर पर पुलिस की जांच शुरू, खोज रही प्रिंटिंग प्रेस
अड़की, मुरहू और खूंटी के कुछ क्षेत्रों में तीन दिन पहले पत्थलगड़ी के समर्थन में माओवादियों द्वारा चस्पा किए गए पोस्टर की जांच शुरू हो गई है। पुलिस पोस्टर छापने वाले प्रि¨टग प्रेस की खोजबीन भी कर रही है। पुलिस के हाथ कुछ महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं। हालांकि, पुलिस इस मामले पर कुछ नहीं बोल रही है। एसडीपीओ (सब डिवीजनल पुलिस ऑफिसर) रणवीर सिंह ने बताया कि यह मामला पुराना हो गया है। अब उस क्षेत्र में पोस्टरबाजी बंद हो गई है।