उचित पोषण की दिशा में ग्रामीणों को करें जागरूक
पोषण अभियान समन्वय समिति व नशा मुक्ति अभियान से संबंधित बैठक मंगलवार को उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में आयोजित की गई।
खूंटी : पोषण अभियान समन्वय समिति व नशा मुक्ति अभियान से संबंधित बैठक मंगलवार को उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में आयोजित की गई। इस दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि पोषण अभियान के तहत पोषण माह का आयोजन एक सितंबर से 30 सितंबर तक किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से पोषण के पांच सूत्रों के सम्बंध में सभी सेविकाओं द्वारा अपने सम्बन्धित क्षेत्र में आमजनों को जागरूक किया जा रहा है। इनमें पहले सुनहरे एक हजार दिन, पौष्टिक आहार, एनीमिया, डायरिया व स्वच्छता एवं साफ-सफाई शामिल है।
मौके पर उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारी से पहले सुनहरे एक हजार दिन में किये जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी ली गई। साथ ही पौष्टिक आहार से संबंध में विस्तृत चर्चा करते हुए बताया गया कि सभी उम्र के लोगों के साथ-साथ बच्चे को छह माह का होने पर पर्याप्त मात्रा में तरह-तरह के आहार खिलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में रोटी, चावल, पीले व काले रंग की दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, चौलाई और सरसों आदि शामिल हैं। इसके साथ ही उपायुक्त ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे पोषाहार उचित रूप से लाभुकों के बीच वितरित किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने जननी सुरक्षा व मातृ वंदना योजना से दिए जाने वाले लाभ की भी जानकारी ली। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि मदर एंड चाइल्ड ट्रेकिग सिस्टम नंबर की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
इसी क्रम में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सहियाओं व सेवीकाओं द्वारा बेहतर रूप से धरातल पर कार्य किया जाए। साथ ही सभी संस्थागत प्रसव का आंकड़ा लेकर सभी छूटे हुए बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि इसे अतिआवश्यक समझा जाए। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मौके पर उपायुक्त ने उपस्थित लेडी सुपरवाइजर को निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण कर अनाज वितरण का अनुश्रवण किया जाए। साथ ही संबंधित रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई जाए। इस दौरान एनीमिया जांच के संबंध में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि अभियान चलाकर सभी किशोरियों की एनीमिया जांच की जाए। इसी कड़ी में उपायुक्त द्वारा समाज कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया कि पोषण वाटिका को आंगनबाड़ी केंद्रों में विकसित किया जाए, ताकि किसान इस माध्यम से पौष्टिक आहार आदि के सम्बंध में जानकारी लेकर जागरूक हो सकें।