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पूजा-अर्चना के साथ हुआ रथयात्रा की परंपरा का निर्वाह

कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लॉकडाउन के बीच मंगलवार को जिले में भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथयात्रा की परंपरा का निर्वाह किया गया। प्रशासन की रोक के कारण जरियागढ़ के इतिहास में पहली बार रथयात्रा नहीं निकली।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 07:46 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 07:46 PM (IST)
पूजा-अर्चना के साथ हुआ रथयात्रा की परंपरा का निर्वाह
पूजा-अर्चना के साथ हुआ रथयात्रा की परंपरा का निर्वाह

खूंटी : कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लॉकडाउन के बीच मंगलवार को जिले में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथयात्रा की परंपरा का निर्वाह किया गया। प्रशासन की रोक के कारण जरियागढ़ के इतिहास में पहली बार रथयात्रा नहीं निकली। सिर्फ पारंपरिक ढंग से तीनों विग्रहों की पूजा-अर्चना की गई। इसमें पुरोहित और यजमान को ही जाने की अनुमति थी।

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लोगों ने विग्रहों के सिर्फ दर्शन किए और इस दौरान शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा गया। पूजा-अर्चना के बाद पुरोहित और राजपरिवार के सदस्य भगवान जगन्नाथ और सुभद्रा के विग्रहों को मदन मोहन गुड़ी से मौसीबाड़ी तक पूरे भक्तिभाव से ले गए। अब नौ दिनों तक महाप्रभु और अन्य विग्रहों के दर्शन मौसीबाड़ी में होंगे। नौ दिनों बाद आषाढ़ शुक्ल एकादशी (30 नवंबर) को घुरती रथयात्रा के दिन तीनों विग्रह मौसीबाड़ी से मदन मोहन गुड़ी वापस लौटेंगे। पूजा-अर्चना के लिए राजपरिवार के सदस्य रांची, खूंटी और अन्य जगहों से जरियागढ़ पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान ठाकुर ध्रुवेंद्र नाथ शाहदेव, लाल प्रेमेंद्र नाथ शाहदेव, लाल ज्योतिद्र नाथ शाहदेव, लाल विजय नाथ शाहदेव, लाल जयेंद्र नाथ शाहदेव, लाल शुभेंद्र नाथ शाहदेव, लाल उदय नाथ शाहदेव, श्याम कुमार महाराणा, शंभु साहू, नीलांकर सिंह व मुनी मिश्र सहित अन्य लोगों ने भी तीनों विग्रहों की पूजा-अर्चना कर अपने और परिवार की खुशहाली की कामना की।

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तोरपा जगन्नाथ मंदिर में होता रहा भजन-कीर्तन

लॉकडाउन के कारण भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भले ही नहीं निकली, लेकिन पूजा-अर्चना और लोगों के भक्तिभाव में कोई कमी नहीं दिखी। तोरपा के जगन्नाथ मंदिर में दिनभर भजन-कीर्तन होता रहा। सुबह से ही भगवान के विग्रहों के दर्शन-पूजन के लिए लोग मंदिर पहुंचने लगे थे पर पूजा की इजाजत सिर्फ पुजारियों को ही थी। इस कारण लोगों ने तीनों देवी-देवताओं के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया। तोरपा के कोटेंगसेरा रथ टोंगरी में सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाने के लिए तीनों विग्रहों को शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए रथारूढ़ किया गया। फिर उन्हें रथ से उतार कर मुख्य मंदिर में विराजमान कर दिया गया। तोरपा थाना प्रभारी सुदामा दास व इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह ने मंदिर परिसर में स्वयं उपस्थित होकर स्थिति को नियंत्रण में रखा। परंपरा के तहत रथयात्रा के दौरान राजपरिवार का एक सदस्य रथ के आगे झाड़ू लगाकर सफाई करता है। इस परंपरा का निर्वहन करते हुए रायशिमला के राजपरिवार के प्रशांत कुमार राय ने झाड़ू लगाई। मौके पर गौर वाणी प्रचार केंद्र के मंगल निलय दास, वीरेन्द्र यादव, राजेश यादव, मनोज यादव, सेन प्रभु व रामधन प्रभु आदि उपस्थित थे। वहीं तपकारा, झपरा, कर्रा व सिलाफारी आदि जगहों पर भी रथयात्रा नहीं निकली। सीआरपीएफ के 94 बटालियन में भी रथयात्रा के दिन सिर्फ पूजा-अर्चना कर प्रसाद वितरण किया गया।


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