Move to Jagran APP

पर्यटकों को लुभा रहा लटरजंग डैम

दिसंबर माह शुरू होते ही पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है। खासकर क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान पर्यटन स्थलों पर पिकनिक मनाने का दौर शुरू हो जाता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 11:04 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:21 AM (IST)
पर्यटकों को लुभा रहा लटरजंग डैम
पर्यटकों को लुभा रहा लटरजंग डैम

खूंटी : दिसंबर माह शुरू होते ही पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है। खासकर क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान पर्यटन स्थलों पर पिकनिक मनाने का दौर शुरू हो जाता है। जिले में कई दर्शनीय पर्यटन स्थल हैं जहां दिसंबर एवं जनवरी माह में एक लाख से अधिक सैलानी सपरिवार पिकनिक का आनंद उठाने आते हैं। पंचघाघ, पेरवाघाघ, हिरनी फॉल, रानी फॉल के साथ-साथ लटरजंग डैम भी सैलानियों को खूब भाता है।

loksabha election banner

लटरजंग डैम की मनोहारी छटा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है। प्रकृति की गोद में बसा लटरजंग डैम दिनोंदिन बेहतर पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित हो रहा है। आएदिन दर्जनों सैलानी यहां पहुंचकर पिकनिक के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा रहे हैं।

---------------

जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर है :

लटरजंग डैम खूंटी जिला मुख्यालय से मात्र 18 किलोमीटर दूर सिलादोन पंचायत में स्थित है। रांची से भी यहां रिग रोड के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। डैम की खूबसूरती देखते ही बनती है। चारों ओर जंगलों से घिरा डैम सूर्य की रोशनी में और भी मनोरम प्रतीत होता है। यहां की शांति लोगों को सुकून प्रदान करने वाली है। इसकी मनोहारी छटा लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। नववर्ष में यहां हजारों सैलानियों के पहुंचने की आशा है। शहर की भीड़भाड़ से दूर लटरजंग डैम को जिला प्रशासन ने भी पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है। प्रशासन द्वारा यहां शौचालय एवं शेड का निर्माण कराया गया है। यहां आने वाले सैलानियों के लिए प्रशासन ने बोटिग की भी व्यवस्था की है। लाइफ जैकेट पहनकर लोग बोटिग का लुत्फ उठा सकते हैं। डैम के बगल में चिल्ड्रेन पार्क बनाने की योजना पर भी काम शुरू होने वाला है। इसके तैयार होने से यहां आने वाले सैलानी पिकनिक का और अधिक आनंद उठा पाएंगे।

----------------

केज कल्चर में पाली जा रहीं 88000 मछलियां :

लटरजंग डैम में मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन के लिए केज कल्चर बनाया गया है। यहां 88000 मछलियां पाली जा रही हैं, जो इस स्थल को और भी मनोहारी बना देता है। जिले के उपायुक्त सूरज कुमार भी जिले को पर्यटन हब बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। आदिवासी संघ मत्स्यजीवी सहयोग समिति डैम में मछली पालन की देखरेख करती है। समिति द्वारा नववर्ष में पिकनिक मनाने आने वाले सैलानियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा समिति का गठन भी किया गया है। समिति को मत्स्य विभाग की ओर से केज में पल रही मछलियों को आहार देने के लिए दो नौका प्रदान की गई हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.