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बिना काटे ही रुला रहा प्याज

खूंटी वैसे तो जब प्याज काटा जाता है तब लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़ते हैं लेकिन चिकन के बराबर पहुंचे प्याज के भाव ने बिना काटे ही रुलाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को खूंटी की सब्जी मंडी में

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 08:57 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 06:21 AM (IST)
बिना काटे ही रुला रहा प्याज
बिना काटे ही रुला रहा प्याज

खूंटी : वैसे तो जब प्याज काटा जाता है तब लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़ते हैं, लेकिन चिकन के बराबर पहुंचे प्याज के भाव ने बिना काटे ही रुलाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को खूंटी की सब्जी मंडी में प्याज 120 रुपये किलो की दर से बिका। जबकि, खूंटी में चिकन का भाव भी 120 रुपये किलो है। प्याज की दिन-प्रतिदिन बढ़ती कीमतों ने रसोई से प्याज को गायब ही कर दिया है। नतीजा यह है कि सब्जियां बिना प्याज के बनाई जा रही हैं। प्याज के बिना सब्जियां बेस्वाद हो रही हैं। मजबूरी में लोग अचार, चटनी का सहारा लेकर रोटी गले से नीचे उतार रहे हैं।

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पहले छोटी-बड़ी सभी सब्जी की दुकानों में प्याज बिक रहा था, लेकिन जब से प्याज के दाम आसमान पर पहुंचे तो छोटे दुकानदारों ने प्याज बेचना बंद कर दिया। अब सब्जी मंडी में गिने-चुने दुकानदार ही प्याज बेच रहे हैं। इसलिए हमारी बिक्री पर तो कोई प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन जो लोग पहले एक-दो किलो प्याज खरीदते थे, वे आज एक पाव प्याज से ही काम चला रहे हैं। अभी पिकनिक का समय है, इसलिए प्याज बिक जा रहा है। यदि ऑफ सीजन होता तो शायद मैं भी प्याज बेचने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।

-दुर्गा महतो, सब्जी व्यवसायी

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मैं रांची के पंडरा से प्याज लाकर बेचता था। लेकिन, प्याज के दाम बेशुमार बढ़ जाने से बिक्री पर खासा असर पड़ा है। पंडरा बाजार में आज थोक में प्याज की कीमत 90-95 रुपये प्रति किलो रही है। 40-50 किलो का एक बोरा आता है। अभी बाजार में नया प्याज आ रहा है और वह एक बोरे में करीब 4-5 किलो सड़ा निकल जाता है। ऐसे में प्याज बेचना मुश्किल हो रहा है।

-बजरंग बाहेती, किराना दुकानदार

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प्याज की कीमतों में जिस प्रकार से आग लगी हुई है, उसने हमारी रसोई का बजट ही बिगाड़ दिया है। बिना प्याज के कोई सब्जी अच्छी नहीं बनती है। लेकिन, मजबूरी में मिर्च व जीरा का छौंक लगाकर सब्जी बना रहे हैं पर बच्चे उसे पसंद नहीं कर रहे हैं। अचार-चटनी से बच्चों को रोटी खिलानी पड़ रही है।

-हेमलता देवी, गृहणी

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प्याज की कीमत इतनी अधिक हो गई है कि प्याज खरीदने की हिम्मत ही नहीं हो रही है। प्याज के बगैर सब्जियां बेस्वाद हो गई हैं। बच्चे कभी पकौड़ी खाने की जिद करते हैं, तो उन्हें प्याज के बजाय पत्ता गोभी या मूली साग की पकौड़ी देकर बहलाते हैं।

-पुष्पा देवी, गृहणी

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प्याज की कीमतों ने पूरा बजट ही बिगाड़ कर रख दिया। बिना प्याज के सब्जी अच्छी नहीं लगती है, इसलिए थोड़ा ही सही पर प्याज लेना तो पड़ता ही है। समझ में नहीं आ रहा है कि यदि प्याज का यही हाल रहा तो कैसे काम चलेगा।

-संयुक्ता देवी, गृहणी


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