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अवैध बालू खनन से पुलों पर मंडरा रहा खतरा

जिले के विभिन्न नदी नालों से प्रतिदिन हो रहे बालू के अवैध खनन के कारण नदी नालों पर बने पुल-पुलियों की नींव कमजोर हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 06:40 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:40 PM (IST)
अवैध बालू खनन से पुलों पर मंडरा रहा खतरा
अवैध बालू खनन से पुलों पर मंडरा रहा खतरा

खूंटी : जिले के विभिन्न नदी नालों से प्रतिदिन हो रहे बालू के अवैध खनन के कारण नदी नालों पर बने पुल-पुलियों की नींव कमजोर हो रही है। इसके चलते पुल-पुलियों के ध्वस्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसा ही एक मामला मुरहू थानांतर्गत माहिल गांव में सामने आया है। बालू के अवैध खनन के कारण यहां नदी पर बने पुल के तीन पिलर धंस गए हैं। पिलर के धंसने से पुल के ध्वस्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस खतरे को भांपकर फिलहाल इस पुल पर से बड़े व भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। इस पुल का निर्माण आसपास के गांवों के ग्रामीणों के भारी दबाव पर कुछ वर्ष पूर्व ही किया गया था। यदि पुल ध्वस्त हो जाता है, तो 20-25 गांवों के ग्रामीण इससे प्रभावित होंगे। बालू के अवैध खनन के बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि नेशनल ग्रिड ट्रिब्युनल (एनजीटी) के प्रावधान के मुताबिक 15 जून से 15 अक्टूबर तक किसी भी नदी से बालू का खनन नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी रहता है। जिला खनन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में एकमात्र बालू घाट कुदरी ओकड़ा डोड़मा में है, जिसकी जिम्मेदारी जेएसएमबीसी को है। इस बालू घाट को छोड़कर यदि कहीं से भी बालू की निकासी की जाती है तो वह अवैध खनन कहलाएगा। यहां प्रश्न उठता है कि जिले में जोर-शोर से जारी विकास कार्यों में बालू की आवश्यकता व खपत काफी अधिक है। ऐसे में इस एकमात्र बालू घाट से विकास कार्यों के लिए समुचित बालू की आपूर्ति नहीं कर अन्य नदी-नालों से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। बताया गया कि अवैध खनन की रोकथाम के लिए जिलास्तरीय खनन टास्क फोर्स द्वारा समय-समय छापामारी अभियान चलाया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक अवैध बालू लदे 17 वाहनों को पकड़ा गया है। इनमें से चार पर प्राथमिकी दर्ज की गई और अन्य 13 से जुर्माना वसूला गया। इनके अतिरिक्त अवैध खनन के पत्थर चिप्स व बोल्डर लदे 10 वाहनों को भी पकड़ा गया है और इनसे जुर्माना वसूला गया है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक जुर्माने के रूप में वसूले गए आठ लाख चार हजार रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है।

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दूसरी ओर अवैध खनन के कार्य से जुड़े लोग विभागीय अधिकारियों को धता बताते हुए अपने काम में मशगूल हैं। जानकारी के अनुसार इन लोगों का ऐसा मजबूत नेटवर्क है कि जैसे ही जिला माइंस कार्यालय से टास्क फोर्स की टीम छापामारी करने निकलती है तो इन्हें तत्काल सूचना मिल जाती है। फलस्वरूप टास्क फोर्स को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है।


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