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जानिए, क्यों उग्रवादियों और पत्थलगड़ी समर्थकों के टारगेट पर था सुखराम मुंडा Khunti News

Sukhram Munda. पुलिस की मदद करने की वजह से सुखराम उग्रवादियों और पत्थलगड़ी समर्थकों के टारगेट पर था।

By Edited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 11:39 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 02:55 PM (IST)
जानिए, क्यों उग्रवादियों और पत्थलगड़ी समर्थकों के टारगेट पर था सुखराम मुंडा Khunti News
जानिए, क्यों उग्रवादियों और पत्थलगड़ी समर्थकों के टारगेट पर था सुखराम मुंडा Khunti News

खूंटी। पत्थलगड़ी के अगुवा रहे कोचांग के ग्राम प्रधान सुखराम मुंडा की हत्या के मामले में पुलिस को दूसरे दिन भी कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस की मदद करने की वजह से सुखराम उग्रवादियों और पत्थलगड़ी समर्थकों के टारगेट पर था। बताया जा रहा है कि कोचांग में पुलिस पिकेट खोलने के लिए सुखराम ने पुलिस की मदद की थी। उसी समय पत्थलगड़ी समर्थक सुखराम विश्वासपात्रों की सूची से अलग हो चुका था। घटना के बाद रविवार को पुलिस फिर घटनास्थल पर पहुंची और गहन जांच की। हालांकि अधिकारिक तौर पर कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी बताने से इन्कार कर रहे हैं।

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गौरतलब है कि शनिवार की रात पत्थलगड़ी प्रभावित क्षेत्र कोचांग में सुखराम मुंडा को अज्ञात अपराधी ने पीठ में सटाकर गोली मारी थी। इससे सुखराम की पीठ को छेदते हुए गोली छाती से निकल गई थी। घटना की सूचना सबसे पहले मृतक के परिजनों को चौक में ही चना बेचने वाले युवक ने दी। घटना के दिन बीरबांकी में साप्ताहिक हाट लगा हुआ था, इसलिए अपराधी पहचान में नहीं आ सका। मृतक के भाई काली मुंडा ने बताया कि घटना स्थल पर पहुंचने से पहले ही सुखराम की मौत हो चुकी थी। फिर भी शव लेकर वे कोचांग के पुलिस पिकेट पर पहुंचे थे। वहां परिवार के अन्य सदस्यों की सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इस बीच पुलिस ने सुरक्षा का आश्वासन देते हुए देर रात शव को कब्जे में लिया और अड़की थाना ले गए। रविवार की सुबह शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों के अनुसार सोमवार को उसके शव को दफनाया जाएगा।

नाटे कद का था हमलावर
प्रत्यक्षदर्शियों ने हमला के बाद एक नाटे कद के आदमी को भागते देखा था। बताया जा रहा है कि कोचांग चौक पर एक नाटे कद का एक युवक चौक में पहले से ही मौजूद था। लेकिन बीरबांकी बाजार में बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही के कारण अपराधी के गांव घुसने पर किसी को भनक नहीं लगी। घटना के बाद चना दुकानदार ने ही मृतक के परिजनों को सुखराम के गोली मारने की सूचना दी। चौक पर नाटे कद का एक अज्ञात मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति ने ही सुखराम को गोली मारी और मारने तुरंत बाद कुछ दूर में एक और दूसरा व्यक्ति आया और झट से दोनों अपराधी बाइक में सवार होकर घटना स्थल से फरार हो गए।

सुखराम का भाई है इंजीनियर
मृतक के भाई काली मुंडा ने बताया कि चार भाईयों में सुखराम का एक भाई इंजीनियर हैं जबकि दूसरा आइटी विभाग में कार्यरत है। चार भाइयों में काली व सबसे बड़े थे और सुखराम मुंडा घर पर रहते थे। बाकी दो भाई बाहर रहकर काम करते थे। सुखराम के भाई में नीतिर मुंडा बनागपुर में इंजिनीयर हैं। वहीं विनय मुंडा रायगढ़ में इंफोर्मेशन डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं। वहीं काली मुंडा और सुखराम खुद घर पर रहकर काम देखा करते थे। सुखराम की पत्नी करुणा कोचांग गांव की ही मुखिया है। वहीं सुखराम के पिता का नाम सुखलाल सोय है। सुखराम मुंडा के दो बेटे प्रवीण सोय (10) और विष्णु सोय (3 साल) हैं। सबसे बड़ी बेटी रिया (16) मैट्रिक में है जबकि छोटी बेटी काम नाम नन्दनी (14) हैं।

कांग्रेस के कालीचरण मुंडा ने परिजनों को दी सांत्वना
कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी कालीचरण सिंह मुंडा ने सदर अस्पताल पर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी और कहा कि पुलिस और उग्रवादियों ने भी सुखराम को विगत एक साल से परेशान कर रखा था। उन्होंने अस्पताल परिसर में मौजूद मुख्यालय डीएसपी आशीष कुमार महली को संबंधित घटना में संलिप्त व्यक्ति की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करने की मांग की है। देर रात घटनास्थल पर जाने से पुलिस ने बरती दूरी पुलिस को सुखराम सिंह मुंडा की मौत की खबर देर रात मिली लेकिन पुलिस रवाना नहीं हुई। क्योंकि पत्थलगड़ी प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस को ठगकर बुलाकर गुमराह करने की बात पूर्व में भी आ चुकी है। यही कारण रही जिस कारण देर रात पुलिस के जवान वहां जाने से कतराने लगे। पुलिस बल के एक बड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जैसे ही कोचांग में सुखराम मुंडा के मारे जाने की खबर आई पहले तो अधिकारियों को शक हुआ कि कहीं पुलिस को कोचांग गांव गुमराह करके तो नहीं बुलाया जा रहा है। इसके साथ ही शुरू हुआ मंथन का दौर। लेकिन किसी तरह शव को पुलिस बल ने सदर थाना तक मंगवा लेना मुनासिब समझा।

'हत्या के कारण अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। कई बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है। पूरी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।'
-एवी होमकर, डीआइजी रांची रेंज।


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