सुंदरीकरण के नाम पर गड़बड़झाला, जांच की मांग
खूंटी सरकारी योजनाओं में अनियमितता की शिकायतें आएदिन सुनने को मिलती रहती हैं। इसी क्रम में एसडीओ तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर किया जा रहा घोटाला सा
जागरण संवाददाता, खूंटी : सरकारी योजनाओं में अनियमितता की शिकायतें आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं। इसी क्रम में एसडीओ तालाब के सुंदरीकरण के नाम पर किया जा रहा घोटाला सामने आया है। इसे लेकर झाविमो जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर जांच कराने की मांग की है। वहीं उपायुक्त ने प्रशिक्षु आइएएस उत्कर्ष गुप्ता को जांच करने का निर्देश दिया है।
खूंटी नगर पंचायत द्वारा एसडीओ तालाब के सुंदरीकरण का कार्य 96.74 लाख की लागत से कराया जा रहा है। नगर पंचायत के अनुसार कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है लेकिन किए गए कार्य को देखकर साफ मालूम हो रहा है कि सुंदरीकरण के नाम पर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। यहां चाईबासा मुख्य मार्ग के किनारे मुख्य द्वार का निर्माण किया गया है। मुख्य द्वार से तालाब तक बनी सड़क के दोनों किनारों में पीसीसी का निर्माण, तालाब के दो छोर में सीढ़ी निर्माण एवं तालाब के किनारे दो गेजेबो का निर्माण कराया गया है। एक गेजेबो में एक साथ छह लोग बैठ सकते हैं। देखने में तो यह काफी सुंदर है लेकिन गले न उतरने वाली बात यह है कि दो गेजेबो के निर्माण की लागत 37 लाख रुपये बताई जा रही है। यदि यह मान भी लिया जाए कि इसकी लागत सही है तो दूसरा सवाल यह उठता है कि तालाब के किनारे खुले में इतनी लागत से इसका निर्माण कराए जाने का क्या औचित्य है। लोगों का कहना है कि यह सरकारी राशि का दुरुपयोग नहीं तो फिर क्या है। एसडीओ तालाब के सुंदरीकरण कार्य में 96.74 लाख रुपये खर्च हुए, यह कहीं से हजम नहीं हो रहा है। इसे लेकर झाविमो जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर नगर पंचायत के कार्यपालक अभियंता और इंजीनियरों की मिलीभगत से सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए जांच कराए जाने की मांग की है। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष अर्जुन पाहन ने भी दो गेजेबो के निर्माण पर 37 लाख रुपये खर्च किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया है।