वनकर्मी के खिलाफ सड़क जाम
खूंटी वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मी आमोद पांडे द्वारा रुपये मांगने एवं रुपये नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मंगलवार को कर्रा
खूंटी : वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मी आमोद पांडये द्वारा रुपये मांगने एवं रुपये नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मंगलवार को कर्रा प्रखंड के जुरदाग गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने वन विभाग के चेक नाका के सामने सड़क पर बैठकर सड़क को जाम कर दिया। जाम करीब आधे घंटे तक चला।
मौके पर पहुंचे डीएफओ से ग्रामीणों ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी कर्मी पांडेय अक्सर क्षेत्र में ग्रामीणों को परेशान किया करते हैं। जबकि कर्रा क्षेत्र खूंटी रेंज के अधीन नहीं आता है। डीएफओ निरंजन प्रसाद देव, सीओ विनोद प्रजापति एवं खूंटी थाना प्रभारी ने लोगों को समझा-बुझाकर सड़क जाम हटाया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने डीएफओ को बताया कि जुरदाग के ग्रामसभा के आदेश पर गोपाल भेंगरा नामक ग्रामीणों को जंगल से दो पीस बल्ली काटने का आदेश दिया था। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी आमोद पांडे एवं उनके पांच सहयोगियों ने रास्ते में गोपाल भेंगरा को पकड़ कर एक लाख रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर केस में फंसाने की धमकी भी आमोद पांडे के द्वारा दी जाने लगी। ग्रामसभा अध्यक्ष प्रीतम तिडू ने कहा कि ग्रामसभा की बैठक के दौरान ही वनकर्मी पांडे ने गोपाल भेंगरा को फोन कर रुपये की मांग की जिसे ग्रामसभा में मौजूद सभी लोगों ने भी सुना। इससे सभी ग्रामीण आक्रोशित हो गए और कार्रवाई करने की मांग को लेकर कर्रा से खूंटी आ गए। डीएफओ ने ग्रामीणों को दैनिक वेतन भोगी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। मौके पर ही ग्रामीणों ने वनकर्मी पांडे एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ आवेदन खूंटी थाना प्रभारी को दिया। खूंटी थाना प्रभारी ने जांच कर उचित कार्रवाई करने का भरोसा ग्रामीणों को दिया। इधर, वनकर्मी अमोद पांडे ने डीएफओ को बताया कि उन्होने कभी किसी से पैसे की मांग नही की है। जंगल काटे जाने की सूचना पर वे जुरदाग पहुंचे थे। जब उससे पूछा गया कि जुरदाग आप के क्षेत्र में नहीं है,तो उन्होने कहा कि हड़बड़ी में वे जुरदाग पहुंच गए थे।