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पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना

खूंटी : ईसाई धर्मावलंबियों ने शुक्रवार को कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों की कब्र पर फूल चढ़ाकर व पुष्प अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मौके पर बिशप विजय कंडूलना ने उपस्थित लोगों को प्रार्थना करवाई। इस दौरान फादर विपिन ने बताया कि आत्मा ¨जदा रहती है और शोधन अग्नि में तपने के बाद ही आत्मा को मुक्ति मिलती है और वह स्वर्ग पहुंचकर ईश्वर के दर्शन करती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 08:16 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 08:16 PM (IST)
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना

खूंटी : ईसाई धर्मावलंबियों ने शुक्रवार को कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों की कब्र पर फूल चढ़ाकर व पुष्प अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मौके पर बिशप विजय कंडूलना ने उपस्थित लोगों को प्रार्थना करवाई। इस दौरान फादर विपिन ने बताया कि आत्मा ¨जदा रहती है और शोधन अग्नि में तपने के बाद ही आत्मा को मुक्ति मिलती है और वह स्वर्ग पहुंचकर ईश्वर के दर्शन करती है। पर, उनके शोधन के लिए जीवित लोग ही प्रार्थना कर सकते हैं। इसलिए हम प्रतिवर्ष दो नवंबर को पूर्वजों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस प्रार्थना से हमारा अपने पूर्वजों से आध्यात्मिक संबंध बना रहता है। मौके पर फादर बिसुयुस एक्का, फादर हीरालाल, फादर जय मसीह एवं फादर तेज कुमार ¨लडा उपस्थित थे।

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