पत्थलगड़ी से अनर्गल बातें मिटा कर योजनाओं की दी जानकारी
खूंटी : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गैर परंपरागत तरीके से की गई पत्थलगड़ी के विरोध में अ
खूंटी : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गैर परंपरागत तरीके से की गई पत्थलगड़ी के विरोध में अब ग्रामीण खुलकर आगे आने लगे हैं। पत्थर पर लिखी गई संविधान विरोधी बातें भी उन्हें अब नागवार गुजरने लगी हैं। ग्रामीण विकास विरोधी नहीं विकास के साथ चलना चाहते हैं। इसी कड़ी में शनिवार को मुरी पंचायत अंतर्गत हातुदामी गांव के सीमाने पर गड़ा संविधान विरोधी पत्थर पर अंकित संविधान विरोधी बातों को मिटाकर सरकार की योजनाओं को अंकित करा दिया है।
ग्राम प्रधान दशरथ कच्छप ने देश तोड़क पत्थर पर अनर्गल बातों को मिटा दिया। अब उस पत्थर पर गांव को स्वच्छ और सुंदर रखने, सभी बच्चों को स्कूल भेजने, सभी बच्चों का टीकाकरण और सौ फीसद लोगों को शौचालय का उपयोग करने जैसी विकास की बातें लिखी गई हैं। जबकि पहले इसी पत्थर पर बाहरी व्यक्तियों के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध, बच्चों को विद्यालय भेजने से मनाही,सरकारी योजना नहीं लेने की बातों को अंकित की गई थीं। ग्रामीणों की इस पहल की सराहना प्रशासन तो कर ही रहा है, ग्रामीण भी खुश नजर आए।
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चितूराम गांव में 19 जुलाई को की गई पत्थलगड़ी को गिराया था
गौरतलब है कि सिलादोन पंचायत के चितरामू गांव में 19 जुलाई को ग्रामसभा ने वहां पर की गई पत्थलगड़ी को गिरा दिया था। हातुदामी में पत्थर को नहीं हटाया गया, बल्कि उसमें लिखी अनर्गल बात को मिटा दिया गया। इस गांव में 17 मई 2017 में पत्थलगड़ी की गई थी।
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देश विरोधी पत्थलगड़ी कराने वालों की मंशा जान गए हैं ग्रामीण : प्रणव
इस संबंध में एसडीएम प्रणव पाल ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा किए गए कार्य को जिला प्रशासन स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि गांव के लोग देश विरोधी पत्थलगड़ी कराने वालों की मंशा को समझ चुके हैं। उनलोगों ने भारत के लोकतंत्र, संविधान और प्रशासन पर भरोसा जताया है।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान के साथ चंद्रमोहन मुंडा,मुखिया प्यारेचंद भेंगरा,सिमलन कच्छप, चंद्रमोहन कच्छप सहित गांव का मुंडा पहन उपस्थित थे।
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गांव का विकास अवरुद्ध हो गया था : ग्रामप्रधान
हातुदामी ग्रामसभा के ग्रामप्रधान दशरथ कच्छप ने बताया कि जब से गांव के सीमाने पर पत्थलगड़ी हुई हैं गांव का विकास अवरुद्ध हो गया था। पत्थलगड़ी करने से हमलोगों को कोई लाभ नहीं हुआ है। गांव की सड़कें बदहाल हो गई है। कोई भी सरकारी पदाधिकारी गांव झांकने नहीं आते हैं। इसलिए हमलोगों ने संविधान विरोधी पत्थलगड़ी को हटाने का फैसला लिया है। उसी पत्थर पर सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया है। श्री कच्छप ने बताया कि जिला प्रशासन को इसके लिए हमलोगों ने 30अगस्त को एक ज्ञापन भी दिया था।