बेसहारा बच्चों की सामाजिक जांच करने का निर्देश
उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ खान ने रनिया थाना के बूरूरमुंडा गांव के बेसहारा हुए सात बच्चों की सामाजिक जांच रिपोर्ट का निर्देश चाइल्ड लाइन के को-ऑर्डिनेटर को दिया।
खूंटी : उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ खान ने रनिया थाना के बूरूरमुंडा गांव के बेसहारा हुए सात बच्चों की सामाजिक जांच रिपोर्ट का निर्देश चाइल्ड लाइन के को-ऑर्डिनेटर को दिया। बुधवार को चाइल्ड लाइन एवं जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम बच्चों की सामाजिक पृष्ठभूमि की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट की समीक्षा कर बच्चों के परिवार को जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा कानूनी सहायता तथा नालसा 10 योजना के तहत मिलने वाले लाभ से जोड़ा जाएगा।
गांव की मुखिया मंजू सुरीन से बातचीत करने के बाद अल्ताफ खान ने बताया कि बच्चों का राशन कार्ड बना हुआ है और उन्हें अनाज मिल रहा है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनका आवास निर्माणाधीन है। जिला प्रशासन द्वारा बच्चों को पारिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद दी जाएगी। सात बच्चों में चार बच्चे बुरुरमुंडा गांव के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में तथा तीन बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाई करते हैं।
अल्ताफ खान ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत चलायी जा रही स्पॉन्सरशिप और फॉस्टर केयर योजना के तहत उन सात बच्चों में से दो बच्चों को जोड़ा जाएगा। इस योजना के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षा, पोषण एवं चिकित्सा के लिए प्रतिमाह दो हजार रुपये आर्थिक मदद दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार को गांव के बिरसा टोपनो ने अपनी पत्नी बिरसी टोपनो को डंडे से पीट-पीटकर मार डाला था। इस संबंध में रनिया पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बिरसा टोपनो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मां की मौत और पिता के जेल चले जाने से उनके सात बच्चे बेसहारा हो गए और उनकी परवरिश की जिम्मेदारी उनकी बूढ़ी दादी पर आ गई है।