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Lok Sabha Polls 2019: अधूरी सड़क से मिली उड़ती धूल और कीचड़, किससे करें फरियाद

Lok Sabha Polls 2019. तोरपा तपकारा व मुरहू पथ की जर्जर हालत से लोग परेशान हैं। लोगों ने इस बार नेताओं के झूठे वादे को दरकिनार कर सबक सिखाने की ठानी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 02:03 PM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 02:03 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: अधूरी सड़क से मिली उड़ती धूल और कीचड़, किससे करें फरियाद
Lok Sabha Polls 2019: अधूरी सड़क से मिली उड़ती धूल और कीचड़, किससे करें फरियाद

तोरपा (खूंटी), जेएनएन। तोरपा तपकारा व मुरहू पथ की जर्जर हालत से लोग परेशान हैं। लोगों ने इस बार नेताओं के झूठे वादे को दरकिनार कर  सबक सिखाने की ठानी है। पथ निर्माण विभाग से लगभग पांच वर्ष पूर्व 42 करोड़ की लागत से बनने वाली तोरपा-तपकारा व मुरहू सड़क का काम सरिता कंस्ट्रक्शन को मिला था।

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जिस वक्त सड़क बनना शुरू हुआ तो लगा कि सड़क तो एक साल में बनकर तैयार हो जाएगी। लेकिन इस योजना पर ग्रहण लग गया। योजना ठंडे बस्ते में दब गई। एजेंसी द्वारा जहां-तहां आधी-अधूरी सड़क बना कर छोड़ दी गई। बारिश हो जाने पर ग्रामीणों को कीचड़ से होकर घर जाना पड़ता है।

साथ ही गर्मी के मौसम में लोग सड़क से उड़ती धूल से परेशान हैं। पोढ़ो टोली के पास पुलिया बनाने के लिए कई वर्षों से गड्ढा कर छोड़ दिया गया है। ग्रामीण फरियाद करें भी तो किससे। उक्त रास्ते में ही कॉलेज से लेकर कई स्कूल हैं। हर दिन तोरपा तपकारा के लोग व्यवसाय करने के लिए इसी मार्ग से आना-जाना करते हैं। 

क्या कहते हैं लोग

यहां के लोगों के लिए बारिश होने पर पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद ग्रामीणों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। -मनोज जायसवाल, तपकारा।

तोरपा व तपकारा की सबसे बड़ी समस्या तो यहां की सड़क ही है। चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा दिया जाने वाला आश्वासन कोई मायने नहीं रखता। नेताओं को केवल अपने वोट से मतलब है। -राजकुमार साहू। 

इस सड़क का जब उद्घाटन किया गया था, हमसबों में एक उम्मीद जगी थी। लेकिन आज पांच साल होने को है। सड़क नहीं बनी। फिर से कई नेता हाथ जोड़े आश्वासन देने पहुंच जाएंगे। -शाहिद खान।

जब से सड़क बननी शुरू हुई, तब से कई बार सांसद, मंत्री व विधायक आते जाते रहे। लेकिन उक्त मार्ग का कोई सुध लेने वाला नहीं है। -डॉ. आरके सिंह।

जब सरकार ने करोड़ों रुपये सड़क बनाने में खर्च किए, फिर यह सड़क पूरी क्यों नहीं हुई। सरकार ठेकेदार से रुपये वसूलकर दूसरे ठेकेदार को क्यों नहीं काम दे देती है। -सुल्तान।


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