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विचारों व भावनाओं की भाषा है हिदी : उपायुक्त

हिदी दिवस के अवसर पर सोमवार को समाहरणालय सभागार में कविता पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सर्वप्रथम उपायुक्त शशि रंजन ने सभी जिलेवासियों को हिदी दिवस की बधाई दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 06:43 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 05:11 AM (IST)
विचारों व भावनाओं की भाषा है हिदी : उपायुक्त
विचारों व भावनाओं की भाषा है हिदी : उपायुक्त

खूंटी : हिदी दिवस के अवसर पर सोमवार को समाहरणालय सभागार में कविता पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सर्वप्रथम उपायुक्त शशि रंजन ने सभी जिलेवासियों को हिदी दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि हम हर वर्ष हिदी दिवस को प्रभावशाली रूप में मनाएं। इसका दायित्व उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया।

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उपायुक्त ने कहा कि हिदी मात्र भाषा नहीं है, बल्कि हमारे विचार और व्यवहार को व्यक्त करने का एक सु²ढ़ माध्यम भी है। हिदी भाषा देश के स्वाभिमानी व देश के गौरवशाली मार्ग को प्रशस्त करेगी। हमारे विकास की दिशा में हमारी स्वभाषा हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि हिदी के उत्थान के लिए लगातार प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी हर व्यक्ति को हो। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अपनी संवेदनाओं को एक बेहतर माध्यम से प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि अन्य भाषा का उपयोग करना गलत नहीं परंतु अपनी भाषा का सम्मान हमारा परम कर्तव्य है। आप उनका भी सम्मान करें।

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उपायुक्त ने किया कविता पाठ

मौके पर उपायुक्त ने कविता पाठ किया। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों में लिखी अपनी एक कविता को प्रस्तुत किया। इस कविता के माध्यम से उन्होंने अपने अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि हिदी हमारे विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करने का एक सरल माध्यम है। हिदी से हमारा लगाव इन कविताओं के माध्यम से निश्चित ही प्रदर्शित होता है। इसी कड़ी में अधिकारियों/कर्मियों द्वारा भी कविता पाठ किया गया। साथ ही हिदी भाषा के उत्थान की दिशा में जागरूक ²ष्टिकोण अपनाने की दिशा में जागरूकता संदेश भी प्रेषित किए गए। मौके पर उप विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने कहा कि हम सभी का यह दायित्व है कि हम अपनी हिदी भाषा को विश्व पटल पर पहचान दिलाएं। साथ ही अपर समाहर्ता ने कहा कि हिदी मात्र हमारी भाषा नहीं बल्कि हमारी सभ्यता का दर्पण हैं। इसके सम्मान के लिए हमें व्यवहार में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। यदि हम सभी मिलकर एक दिशा में प्रयास करें तो निश्चित ही सकारात्मक बदलाव प्रदर्शित होगा।


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