Lok Sabha Polls 2019: पालकोट में पर्यटन विकास है बड़ा चुनावी मुद्दा
Lok Sabha Polls 2019. गुमला जिला का पालकोट प्रखंड खूंटी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। पर्यटन केंद्र के रुप में पालकोट को विकसित करने की मांग पुरानी रही है।
गुमला, जासं। लोक सभा चुनाव की घोषणा के बाद गुमला जिला के पालकोट प्रखंड मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी चहल-पहल बढ़ गई है। चुनावी चर्चा भी आरंभ हो गई है। उम्मीदवारों को लेकर कयास भी लगाए जा रहे हैं। गुमला जिला का पालकोट प्रखंड खूंटी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। पालकोट राजनीतिक रुप से जागरुक केंद्र के रुप में जाना जाता है। कारण कि पालकेाट नागवंशियों की उप राजधानी रही है।
नागवंशी राजाओं ने प्रकृति की गोद में छाए सौंदर्य को पसंद कर यहां अपनी उप राजधानी बनाई। नागवंशी राजाओं के कारण पालकोट को प्रसिद्धि मिली और पालकोट एक ऐतिहासिक नगर के रुप में बस गया था। यह वही जगह है जहां पर आस्था की देवी दशभुजी का मंदिर है। पालकोट में मलमलपुर और शीतलपुर जैसे पर्वतीय सौंदर्य की प्रतिमूर्त है। यहां घोड़लता पहाड़, गोबरसिल्ली पहाड़, देवगांव का शिव नगरी, सुंदरीडीह फौल, वन आश्रयणी क्षेत्र आदि दर्शनीय हैं।
पर्यटन केंद्र के रुप में पालकोट को विकसित करने की मांग पुरानी रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता शिव प्रसाद साहु कहते हैं कि पालकेाट को पर्यटन स्थल का दर्जा देने की मांग यहां का चुनावी मुद्दा है। कहते हैं कि संयोग से 2010 में झारखंड सरकार के पर्यटन मंत्री का जिम्मा सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र के विधायक विमला प्रधान को मिला था। सरकार ने पर्यटन विकास के लिए पालकोट में योजनाएं भी स्वीकृत की थी। लेकिन वह धरातल पर नहीं उतरा।
कांग्रेस के नेता बसंत कुमार गुप्ता भी यह स्वीकार करते हैं कि पर्यटन का विकास ही पालकोट का चुनावी मुद्दा होगा। यहां कल कारखाने नहीं है रोजी रोजगार के साधन नहीं है। बेरोजगारी है इसलिए पर्यटन विकास से ही यहां रोजगार की संभावना नजर आ रही है। इसलिए उनकी पार्टी पर्यटन विकास को चुनावी मुद्दा बनाने का निर्णय लिया है। प्रखंड बीस सूत्री के सदस्य खिरोधर साहु भी कहते हैं कि पर्यटन ही यहां एक मात्र विकास का आधार हो सकता है।
इसलिए आने वाले चुनाव में पर्यटन विकास के नाम पर उम्मीदवारों की परीक्षा ली जाएगी। फिलहाल लोकसभा में उपाध्यक्ष रहे भाजपा के वरीय नेता कड़िया मुंडा खूंटी के सांसद है। उन्हें हाल में पद्म विभूषण मिला है। यदि वे चुनाव लड़ते हैं तब पालकोट के मतदाता परय्टन विकास के मुद्दे पर उनकी अग्नि परीक्षा लेने को तैयार हैं। यही हाल कांग्रेस के उम्मीदवार का भी होगा।