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Lok Sabha Election 2019: वोट देते हैं, अपने अधिकार को जानते हैं, पर नेताओं के पीछे भागते नहीं हैं

Lok Sabha Election 2019. जॉन टूटी बकरियों को लेकर चराने के लिए ले जा रहे हैं। कहते हैं अपने अधिकार को जानते हैं। लेकिन नेताओं के पीछे भागने की उन्हें फुर्सत नहीं है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 01:46 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 01:46 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: वोट देते हैं, अपने अधिकार को जानते हैं, पर नेताओं के पीछे भागते नहीं हैं
Lok Sabha Election 2019: वोट देते हैं, अपने अधिकार को जानते हैं, पर नेताओं के पीछे भागते नहीं हैं

खूंटी, [कंचन कुमार]। जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर खूंटी तैमारा मार्ग पर बसा है सेतागड़ा। यहां के लोग हर चीज के लिए सरकार को नहीं कोसते। ग्रामीणों ने अपना रास्ता खुद ही तय कर लिया है। बुधवार को दिन के लगभग दो बजे मैं अपने सहयोगी अनुज के साथ गांव पहुंचा। जॉन टूटी बकरियों को लेकर चराने के लिए ले जा रहे हैं। मुझे देखते ही ठिठक गए।

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परिचय पूछा। फिर शुरू कर दी अपनी बात। जॉन टूटी ने बताया, यहां के लोग वोट देते हैं। अपने अधिकार को जानते हैं। लेकिन नेताओं के पीछे भागने की उन्हें फुर्सत नहीं है। फिर कहते हैं, हर काम के लिए सरकार पर निर्भरता ठीक नहीं। टूटी के पास पचास बकरियां, दस सूअर, मुर्गियां, गाय-बैल, मधुमक्खी पालन, गम्हार-सागवान व आम के बगीचे हैं।

कहते हैं, इतनी फुर्सत नहीं कि सरकार की बड़ाई-बुराई में अपना समय जाया करुं। मवेशियों को चराने के बाद बचे समय में सब्जियों की खेती में जुट जाता हूं। इस पर भी ध्यान देना है। इसके अलावा लाह लगी लकडिय़ों के ग_र पड़े हैं। इससे लाह निकालना है। कहते हैं, टोले के कई लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं। लेकिन रोजगार के लिए उन्हें शहर भागने की जरूरत नहीं है। घर पर ही काफी काम पड़े हैं।

टोले में चार-पांच लोगों को प्रधानमंत्री आवास मिला है। कुछ लोगों को गैस कनेक्शन भी मिला है। टोले में बिजली पहुंच चुकी है। कहीं-कहीं सोलर लाइट भी लगी है। वहीं मेरी मुलाकात कलेब जॉन नामक युवक से हुई। उसने बताया कि बकरी, शूकर, गाय-बैल, मुर्गियां एवं बत्तख पालन से अच्छी आमदनी हो जाती है। खेती-बारी भी है। टीलेनुमा जमीन पर फलदार एवं इमारती पेड़ लगा दिए हैं।

इससे भी आमदनी हो जाती है। जमीन बहुत अधिक नहीं है। लेकिन ऊपज अच्छी हो जाती है। मधुमक्खी एवं लाह से नकद राशि मिल जाती है। बकरियों को घेरकर बाड़ी में रखते हैं। इसके विष्टा को खाद के रूप में उपयोग करते हैं। विलासी देवी मवेशी चराने जा रही थी। बताया कि उसे गैस कनेक्शन मिला है। लेकिन इसका उपयोग बरसात के दिनों में ही करती है। उस समय लकडिय़ां भीगी मिलती हैं। इसलिए इसकी जरूरत पड़ती है।

वहीं टोले में सड़क के उस पार बुधनी एवं मंगरी बैठी हैं। बुधनी कहती है, उसे पीएम आवास एवं गैस कनेक्शन नहीं मिला है। वोट देती है। लेकिन सरकार उन पर ध्यान नहीं देती। बगल में गंगोत्री बैठी है। वह बिरसा कॉलेज में इंटर की छात्रा है। सरकार से उसकी काफी नाराजगी है। कहती है, युवाओं की उच्च शिक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। अपनी मेहनत की बदौलत लोग अच्छी कमाई तो कर सकते हैं लेकिन शिक्षा की व्यवस्था तो नहीं कर सकते। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।


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