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Lok Sabha Polls 2019: योजनाओं से लाभान्वित हुए ग्रामीण, पर रोजगार की कमी अखरी

Lok Sabha Polls 2019. लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला है। प्रधानमंत्री आवास भी बने हैं। लेकिन विकास की गति धीमी है। अधिकारियों को गंभीर होना होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 05:09 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: योजनाओं से लाभान्वित हुए ग्रामीण, पर रोजगार की कमी अखरी
Lok Sabha Polls 2019: योजनाओं से लाभान्वित हुए ग्रामीण, पर रोजगार की कमी अखरी

खूंटी, जागरण संवाददाता। शहर के करीब में ही है अनिगड़ा गांव। गांव वालों का मुख्य पेशा खेती व मजदूरी है। गांव में प्रवेश करते ही हमारी मुलाकात गुणाधर प्रधान एवं शिवकुमार ठाकुर से होती है। दोनों युवक इमली पेड़ के नीचे बैठकर मोबाइल पर चैटिंग में व्यस्त हैं। हमलोगों को देखते ही सतर्क हो जाते हैं और आने का मकसद पूछा। मैंने बताया, सरकारी योजनाओं का हाल जानने गांव आए हैं।

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साथ ही गांव वालों से चुनावी मुद्दों पर भी बात करना है। गुणाधर ने बताया, गांव में लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला है। कई प्रधानमंत्री आवास भी बने हैं। लेकिन विकास की गति धीमी है। योजनाओं का त्वरित लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को गंभीर होना होगा। गांव की जमीन पर आइओसी का टर्मिनल लगा है। लेकिन ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल सका है।

शिवकुमार ठाकुर के मुताबिक रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होने से यहां से ग्रामीणों का पलायन हो रहा है। मंशा प्रधान अपनी गोद में बच्चे को लेकर गली में किसी का इंतजार कर रही है। उसने बताया कि उन्हें उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन मिला है। आयुष्मान योजना से स्वास्थ्य कार्ड भी बना है। पीएम आवास के लिए आवेदन दे रखा है। गांव में सड़कें बनी हैं। गली-गली में सोलर लाइट भी लगी है।

यह खूंटी लोकसभा क्षेत्र से आठ बार प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद कडिय़ा मुंडा का गांव है। हमलोग आगे बढ़ते हैं। हमलोगों की मुलाकात चमरा मुंडा से होती है। वे अपने घर में ताला लगाकर कहीं जा रहे हैं। साइकिल पर सामान रखे हैं। डॉगी भी उनके साथ है। योजनाओं पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि नरेंद्र मोदी के काल में योजनाएं अच्छी-अच्छी आई हैं। उसका लाभ भी लोगों को मिल रहा है।

लेकिन अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रति और गंभीर होने की जरूरत है। हालांकि चमरा मुंडा को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। उसके पिता सरकारी नौकरी से रिटायर हुए हैं। चमरा ने बिरसा कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है। लेकिन कोई रोजगार नहीं मिला है। कहता है, नोटबंदी के कारण गांव के कुछ लोगों को नुकसान हुआ है।

क्योंकि भोले-भाले ग्रामीणों को इतनी जानकारी नहीं थी कि नोट कहां और कब तक बदलना है। आगे देखा कि गासी राय मुंडा मवेशी चराने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें गैस कनेक्शन एवं शौचालय का लाभ मिला है। प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन दिया है। लादुराम मुंडा एवं केदार मुंडा ने भी गैस कनेक्शन व शौचालय का लाभ मिलने की बात कही। लेकिन उनका दर्द यह था कि युवाओं को रोजगार से नहीं जोड़ा जा रहा।


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